पांच दिनों से एनजीटी के आदेशों को मनवाने के लिए धरने पर बैठे लोगों ने कुल्लू नगर परिषद को भंग करने की मांग की है। प्रदर्शनकारियों की दलील है कि अगर नगर परिषद के नुमाईंदे कूड़ा डंप करने की समस्या का हल नहीं निकाल सकते तो ऐसी नगर परिषद को भंग कर देना चाहिए। धरने पर बैठे अरूण शर्मा, राजीव शर्मा सहित तमाम लोगों का कहना है कि अगर नगर परिषद के नुमाईदे इस समस्या का हल नहीं निकाल सकते हैं तो उन्हें अपने आप अपने-अपने पदों से इस्तीफा दे देना चाहिए।
उन्होंने मांग की है कि नगर परिषद कुल्लू समस्या का समाधान निकालने में पूरी तरह से नाकाम रही है और नगर परिषद को तुरंत
प्रभाव से भंग किया जाए। उन्होंने कहा कि नगर परिषद के नुमाईंदे इतने कमजोर हो गए हैं कि वे शहर से निकलने वाले कूड़े को डंप करने के लिए जगह नहीं तलाश पा रहे हैं।
प्रदर्शनकारियों ने नगर परिषद पर यह भी आरोप लगाया है कि वे शहर से निकलने वाले कूडे़ कचरे से नोट छाप रहे हैं और पूरी तरह से धांधली मचाई हुई है। उन्होंने आरोप लगाया है कि कूड़े में नगर परिषद के लोग कई संस्थानों से कूडे़ को इस अवैध डंपिंग साईट में डंप करने के नाम पर पैसे ले रहे हैं, जिसका वे जल्द ही खुलासा करेंगे।
प्रशासन ने लगा रखी है धारा 144
पांच दिनों से कूड़ा सयंत्र का रास्ता बंद करने पर प्रशासन ने धारा 144 भी लगा रखी है लेकिन उसके बावजूद भी प्रशासन मामले का समाधान नहीं ढूंढ पाया है और मामले में प्रशासन पूरी तरह लाचार दिखाई दे रहा है। जबकि नगर परिषद के लिए अब शहर का कूड़ा कचरा गले की फांस बन गया है। धरने पर बैठे लोगों की माने तो एसडीएम सहित यहां आए अधिकारी खुद मानते हैं कि कूड़ा सयंत्र केंद्र से क्षेत्र के लोगों को परेशानी हो रही है लेकिन समाधान उनके पास भी नहीं है।