जिला हमीरपुर में हुई लापता बच्ची को अखिरकार 6 घंटे बाद पुलिस ने खोज ही निकाला है। बताया गया है कि बच्ची घर का रास्ता भूल गई थी। टौणी देवी चौकी इंचार्ज ज्ञान चंद ने बताया कि बच्ची को गसोता के पास मीना कुमारी के घर से इसे ट्रेस किया गया। बच्ची को डुग्गा के पास अकेले घुमते हुए देखा और वह इसे घर ले आए। बच्ची के पिता चमन लाल ने बताया कि बच्ची मिल गयी है। बच्ची कि तलाश करने के लिए (एसएचओ) संजीव गौतम के नेतृत्व में चार टीमें डटी हुई थीं। सुबह साढ़े 9 बजे बच्ची को खुले बालों, काली पजामी और शर्ट में अणु चौक की तरफ़ जाते देखे जाने की अपुष्ट जनकारी मिली थी। करीब 9:46 पर बच्ची को हमीरपुर बाज़ार में गुज़रते देखा गया। पुलिस हमीरपुर बाज़ार, स्कूल मैदान, बस स्टैंड और इसके आसपास गंभीरता से तलाश करती रही। फ़िलहाल बच्ची का पता लग जाने से पुलिस और मां बाप ने राहत की सांस ली है। मां भी बच्ची तक पहुंच गई है। औपचारिकताओं के बाद इसे घर लाया जा रहा है।
डुग्गा तक पैदल पहुंची बच्ची स्वाहलवा से टौणी देवी, ठाना दरोगन, कोट, अणु से होते हुए बच्ची हमीरपुर बाज़ार तक पैदल ही पहुंच गयी। एनआईटी अणु और हमीरपुर बाज़ार में सीसीटीवी फुटेज में क़ैद हुई बच्ची की तस्वीरें पुलिस के लिए अहम कड़ियां बनती गयीं। वह डुग्गा तक पैदल चली गयी जहां से उसे मीना कुमारी पत्नी राजेंद्र सिंह गसोता अपने घर ले आए। एसपी हमीरपुर अर्जित सेन ठाकुर ने बताया कि शनिवार सुबह लगभग 7:45 बजे बच्ची नैंसी के लापता होने के बारे में एक रिपोर्ट प्राप्त हुई। स्थानीय निवासियों के साथ पुलिस टीमों ने लापता बच्ची की तलाश शुरू की। हमीरपुर शहर में लगे सीसीटीवी कैमरों से 6 घंटे की खोज और पहचान करने के बाद, जहां लड़की को चलते देखा गया था। लड़की को आखिरकार गसोता से मीना कुमारी पत्नी राजेंद्र सिंह के घर से ट्रेस किया गया। इन्होंने डुग्गा के पास सड़क पर बच्ची को अकेले घूमते हुए पाया था और इसे अपने घर ले गए। लड़की के अनुसार वह रास्ता भटक गई थी और तब तक चलती रही जब तक कि उसको घर का पता नहीं चल पाया। बच्ची को माता-पिता के पास सौंप दिया गया है।