एक तरफ तो प्रदेश सरकार बेटी बचाओ और बेटी पढ़ाओ के लिए हर सम्भव प्रयास करने के बड़े-बड़े दावे करती है परन्तु ये दावे उस वक्त खोखले साबित हो गए जब एक 16 साल की लड़की ने ईलाज के अभाव में दम तोड़ दिया।
दोनों किडनियां खराब होने के बाद जिंदगी और मौत के बीच जंग लड़ रही दीपिका की लड़ाई अब हमेशा के लिए खत्म हो गई। समय पर इलाज न मिल पाने के कारण पीजीआई चंडीगढ़ में आज दीपिका की मौत हो गई।
अर्की के दाड़लाघाट में कशलोग फगवाना गांव की रहने वाली 16 वर्षीय दीपिका की दोनों किडनियां खराब हो गई थीं। दीपिका के महंगे इलाज का खर्चा उठाने में परिवार सामर्थ्य नहीं था। जिसके बाद दीपिका की मां ने बेटी को अपनी किडनी देने का फैसला लिया, लेकिन ऑपरेशन और इलाज के पैसे न जुटा पाई।
मीडिया के जरिये भी दीपिका के परिजनों ने मदद की गुहार लगाई। दीपिका की मदद के लिए कुछ दानी सज्जनों के हाथ आगे भी बढ़े । दीपिका की मदद के लिए अर्की के एक प्रतिनिधिमंडल ने सीएम जयराम से भी मुलाकात की, लेकिन सीएम के आश्वासवन के बावजूद परिवार को कोई मदद नहीं मिल पाई।
दोनों किडनियां खराब होने के बावजूद दीपिका अपनी माता और अन्य परिजनों के साथ छह दिन तक पीजीआई की खाख छानती रही। दीपिका के परिजन इलाज के लिए मिन्नतें करते रहे लेकिन इलाज तो दूर उसे एडमिट तक नहीं किया गया। धीरे-धीरे दीपिका की हिम्मत भी जवाब देने लगी। जब दीपिका की तबीयत बेहद बिगड़ गई तब उसे भर्ती किया गया लेकिन इलाज में देरी के कारण आज दीपिका की मौत हो गई।