Follow Us:

सोने में गिरावट के संकेत, निवेशक रहें तैयार !


दिवाली के बाद सोने की कीमत में गिरावट के संकेत, एक्सपर्ट्स बोले — निवेशक रहें तैयार
डॉलर की कमजोरी और भू-राजनीतिक स्थिरता से घट सकती है गोल्ड की चमक
1.5 लाख प्रति 10 ग्राम तक पहुंच सकता है सोने का दीर्घकालिक लक्ष्य



दिवाली और धनतेरस पर भले ही बाजारों में सोने की खरीदारी ने रिकॉर्ड तोड़ बिक्री दर्ज की हो, लेकिन अब एक्सपर्ट्स का मानना है कि आने वाले दिनों में सोने की कीमतों में गिरावट देखने को मिल सकती है। बीते कुछ हफ्तों से लगातार बढ़ते सोने के दामों ने आम उपभोक्ताओं की जेब पर असर डाला है, लेकिन दिवाली के बाद मार्केट में करेक्शन की उम्मीद जताई जा रही है।

जेएम फाइनेंशियल सर्विसेज लिमिटेड के कमोडिटी एंड करेंसी रिसर्च के वाइस प्रेसिडेंट प्रणव मेर के अनुसार, इस हफ्ते के बाद फिजिकल डिमांड कम हो जाएगी और मौजूदा वैल्यूएशन पहले ही अपने पीक पर है। उन्होंने कहा कि चीन के आंकड़े, ब्रिटेन में महंगाई, फेडरल रिजर्व की ब्याज दरों में कटौती की संभावनाएं और अमेरिकी उपभोक्ता विश्वास के संकेतक आने वाले दिनों में सोने के रुझान को प्रभावित करेंगे।

वहीं, SS WealthStreet की फाउंडर सुगंधा सचदेवा का कहना है कि सोने की कीमतें ओवरबॉट जोन में हैं और इसमें शॉर्ट टर्म गिरावट की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता। उन्होंने कहा कि निवेशकों को संभावित गिरावट के लिए तैयार रहना चाहिए। हालांकि, उन्होंने यह भी बताया कि लॉन्ग टर्म में सोना फिर 1.45 लाख से 1.50 लाख रुपये प्रति 10 ग्राम तक जा सकता है। इसलिए, गिरावट के दौर में खरीदारी करना एक समझदारी भरा कदम रहेगा।

कीमतों में गिरावट की वजहें भी साफ हैं — डॉलर इंडेक्स इस साल 9 फीसदी से ज्यादा गिर चुका है, जो मई के बाद 100 अंक से नीचे चला गया है। चूंकि सोने की कीमतें डॉलर से जुड़ी होती हैं, इसलिए कमजोर डॉलर सोने को सस्ता बना सकता है।
इसके अलावा, रूस-यूक्रेन युद्ध और इजरायल-हमास संघर्ष में शांति की उम्मीदों से सेफ हेवन डिमांड में कमी आने की संभावना है। एक्सपर्ट्स का कहना है कि अगर अमेरिका में शटडाउन खत्म होता है या चीन के साथ ट्रेड तनाव घटता है, तो सोने की मांग और नीचे जा सकती है।

सुगंधा सचदेवा ने कहा कि “अगर राष्ट्रपति ट्रंप और शी जिनपिंग के बीच होने वाली बैठक में कोई सकारात्मक संकेत निकलता है, तो सोना और नीचे आ सकता है।” यानी आने वाले कुछ हफ्तों में सोने की चमक थोड़ी फीकी पड़ सकती है, लेकिन लॉन्ग टर्म निवेशकों के लिए यह सुनहरा मौका साबित हो सकता है।