एसएफआई प्रदेश राज्य कमेटी ने पिछले साल में हुए आतंकी हमले में शहीद कांगड़ा के शहीद तिलक राज के परिवार से मुलाकात की। शहीद तिलकराज के परिवार के लोगों से बातचीत के माध्यम से पता चला कि उनकी शहादत से अब तक पूरा 1 साल बीत जाने के बावजूद अभी तक सरकार उनसे किये गये वादों को पूरा करने में असमर्थ है। देश भर में सेना के पराक्रम और शौर्य को चुनावी लाभ के लिये इस्तेमाल करने वाली भाजपा आज शहीदों का अपमान करने पर तुली है।
पुलवामा हमले में शहीद हुए उत्तरप्रदेश, हिमाचल, हरियाणा आदि कई भाजपा शासित राज्यों में एक तो राहत राशि (20 से 25 लाख) सरकार के द्वारा न्यूनतम रखी गई है। लेकिन अभी तक यह राशि भी शहीद जवानों के परिवारों को नहीं दी गई है। जबकि केरल, दिल्ली और आंध्र प्रदेश की राज्य सरकारों ने 1-1 करोड़ रुपये की राहत राशि उसी समय शहीद जवानों के परिजनों को दे दी थी। एसएफआई का मानना है कि मौजूदा सरकार केवल सेना का राजनीतिकरण करना चाहती है। लेकिन जब सेना की सुरक्षा व्यवस्था के लिये इंतजाम या उनके वेतन, पेंशन और खान-पान की बात आती है तो सरकार के पास बजट नहीं होता है। केंद्र की मोदी सरकार ‘जवान-जवान’ करते हुए अब उन्हीं को सुविधाएं देने में नाकाम होने लगी है।
बीजेपी की केंद्र सरकार ने सेना और जवानों को लेकर सबसे ज्यादा राजनीति की है। जैसे-जैसे भाजपा की देश में राजनीतिक स्थिति कमजोर होने लगती है प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जवानों का राग अलापने लगते हैं। सच्चाई यह है कि सीमा पर तैनात रहने वाले सशस्त्र बल के करीब 90 हजार कर्मियों को सरकार की तरफ से जनवरी और फरवरी के भत्तों का भुगतान नहीं किया गया है।
बेटे की शहादत को बीत गया 1 साल, सरकार ने अब तक पूरे नहीं किए वादेः पिता
हिमाचल प्रदेश से सम्बंधित पुलवामा हमले के शहीद तिलकराज जी के परिजनों से मिली जानकारी के मुताबिक पिछले एक साल से सरकार का कोई भी अधिकारी या जनप्रतिनिधि उनकी सुध लेने नहीं आया है। परिवार में शहीद के बुजुर्ग मां बाप, पत्नी और दो छोटे बच्चे हैं। पिता का कहना है कि सरकार ने कहा था कि वो परिवार की हर संभव मदद करते हुए 25 लाख रुपए की मदद करेंगे। गांव में सेना के लिये लोगों का प्रेम भाव देखते हुए शहीद तिलक राज की याद में एक खेल मैदान, शहीद स्मारक बजुर्ग माता पिता के लिये पेंशन सुविधा शुरू करने और उनके नाम पर शहीद गेट बनवाने गांव के लिये पक्की सड़क बनाने का वायदा किया था।
सड़क और मैदान के बारे में खुद भी तिलक राज ने पहले मुख्यमंत्री और वहां के स्थानीय विधायक को लिखित में मांग भेजी थी। तब से आज तक शहादत का पूरा साल भी बीत गया है लेकिन सरकार की तरफ से कोई भी वायदा पूरा नही किया गया है। इसलिये एसएफआई आज पूरे प्रदेश में शहीदों के सम्मान में SFI ने मैदान में पुलवामा हमले के शहीदों की कुर्बानी को याद करते हुए राष्ट्रीय झंडे के साथ मार्च करते हुए मांग करती है कि केंद्र सरकार सेना के नाम पर राजनीति बन्द करो और शहीदों के परिवार से किये वायदों को पूरा करो।
SFI ने रखी ये मांगें
1). पुलवामा हमलें की न्यायिक जांच करवाई जाए।
2). पैरा मिल्ट्री फोर्सेज के शहीद हुए जवानों को शहीद का दर्जा दिया जाए।
3). पैरा मिल्ट्री फोर्सेज के जवानों को पेंशन की सुविधा दी जाए।
4). पुलवामा हमले में शहीद हुए जवानों के परिवारों को सरकार द्वारा किये गए सभी वादों को पूरा किया जाए।
5). देश के शहीदों का सम्मान करो, CAA, NRC के नाम पर देश को बांटना बन्द करो।