हमीरपुर संसदीय क्षेत्र के सैकड़ों सरकारी कर्मचारियों ने आज हमीरपुर के सांसद अनुराग ठाकुर के दफ्तर के बाहर सामूहिक उपवास रखते हुए धरना प्रदर्शन का आयोजन किया। सरकारी कर्मचारियों की मांग है कि 'न्यू पेंशन स्कीम' को खत्म कर 'ओल्ड पेंशन स्कीम' बहाल की जाए ताकि रिटायरमेंट के बाद यह कर्मचारी दूसरे सरकारी कर्मचारियों की तरह पेंशन ले सकें।
गौरतलब है कि हिमाचल प्रदेश में 2003 के बाद जिन्होंने सरकारी नौकरी हासिल की है उन्हें पेंशन नहीं मिलती है। अपनी पेंशन की बहाली को लेकर सरकारी कर्मचारी पिछले काफी लंबे समय से मांग करते आ रहे हैं। इसी मांग को लेकर इन कर्मचारियों ने आज हमीरपुर के सांसद अनुराग ठाकुर के दफ्तर के बाहर 1 दिन का उपवास संसद के आवास कार्यक्रम के तहत धरना प्रदर्शन का आयोजन किया।
अपना विरोध दर्ज करवाने आए सरकारी मुलाजिम गौतम सिंह का कहना है की न्यू पेंशन स्कीम कर्मचारी हितैषी नहीं है इसलिए सरकार को ओल्ड पेंशन स्कीम की बहाली कर सभी कर्मचारियों को राहत पहुंचानी चाहिए। उन्होंने देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर से मांग की है की न्यू पेंशन स्कीम को खत्म कर ओल्ड पेंशन स्कीम लाई जाए ताकि प्रदेश के कर्मचारी राहत महसूस कर सकें।
राजेंद्र चौहान का कहना है की सुप्रीम कोर्ट के एक वर्डिक्ट के अनुसार पेंशन देना कर्मचारियों का एक हक है नाकी कोई भी सरकार अपने स्तर पर डिसाइड कर सकती है। उन्होंने कहा कि हम अपने इस हक को लेकर रहेंगे चाहे इसके लिए हमें किसी भी स्तर की लड़ाई लड़ने पड़े। चौहान ने कहा कि राइट ऑफ इक्वलिटी हर मुलाजिम का हक है इसलिए चाहते हैं कि 2003 के बाद जो सरकारी नौकरी में लगे हैं उन्हें भी बाकी सरकारी मुलाजिमों की तरह पेंशन दी जाए।