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पेट्रोलियम उत्पादों के संरक्षण के लिए सरकार ने चलाया विशेष अभियान

पी. चंद, शिमला |

भारत विश्व में उर्जा का चौथा सबसे बड़ा उपभोक्ता है। उर्जा की इस खपत में तेल एवं प्राकृतिक गैस का अनुपात लगभग 34 फीसदी है। घरेलु कच्चे तेल और गैस की सीमित उपलब्धता को देखते हुए भारत अपने कच्चे तेल की आवश्यकता का लगभग 87 फीसदी आयत कर रहा है। इस भारी आयत निर्भरता के कारण राजकोष पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। इसी को कम करने के मकसद और सीमित संसाधनों को देखते हुए पेट्रोलियम उत्पादों का संरक्षण करने के लिए सरकार ने विशेष अभियान चलाया हुआ है।

देशभर में 16 जनवरी से 15 फ़रवरी तक तेल कंपनियां सक्षम महोत्सव आयोजित कर रही हैं। जिसके तहत हिमाचल प्रदेश में भी वन एवं परिवहन मंत्री गोविन्द ठाकुर ने शिमला से सक्षम जागरूकता वाहन को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। वाहन के माध्यम से लोगों को ईधन कि कम खपत करने और पर्यावरण बचने का सन्देश दिया जायेगा।

गोविंद ठाकुर ने कहा कि सक्षम महोत्सव के दौरान जागरूकता बढ़ाने के लिए पेट्रोल पंप पर जागरूकता वाहन के द्वारा प्रचार प्रसार किया जाएगा। साथ में एलपीजी को लेकर पंचायत और स्कूलों में छात्रों के लिए विभिन्न प्रतियोगिताएं आयोजित की जाएंगी।