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सरकार चंबा मेडिकल कॉलेज चलाने के लिए नीतियों में दे सकती है ढील

नवनीत बत्ता |

प्रदेश मेडिकल ऑफिसर एसोसिएशन ने सरकार से चंबा मेडिकल कॉलेज चलाने में पेश आ रही दिक्कतों सहित करीब आधा दर्जन बिंदुओं पर चर्ची की है। एसोसिएशन का प्रतिनिधिमंडल बीते दिन इस संबंध में मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर सहित, मुख्य सचिव श्रीकांत वाल्दी, एसीएस स्वास्थ्य आरडी धीमान से मिला। एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ. जीवानंद का कहना है कि चंबा कॉलेज में बतौर सहायक प्रोफेसर तैनाती में ढील देने के लिए सरकार ने हामी भरी है। इसके तहत सहायक प्रोफेसर बनने के लिए 3 के बजाए 1 साल सीनियर रेजिडेंटशिप की शर्त मानी जाएगी।

उन्होंने सरकार से मांग की कि सभी मेडिकल कॉलेज में इन शर्तों को माना जाए जोकि एमसीआई के दिशानिर्देशों के अनुरूप भी है। वहीं डॉक्टरों के एमडी और एमसीएच के लिए चार साल के स्वास्थ्य संस्थानों में सेवाकाल में भी शर्त को 1 साल करने के लिए सरकार राजी हो गई है। इससे प्रदेश में तैनात हजारों डॉक्टरों को फायदा मिलेगा साथ ही प्रदेश में सुपर स्पेशयलिटी डॉक्टरों की कमी भी दूर हो जाएगी। इसके अलावा आरडीए के स्टाइफंड को केंद्रीय स्तर पर यूनिफार्म करने और पीजी अलाऊंस को बढ़ाने पर भी सरकार ने सहमति जताई है। वहीं सरकार ने डॉक्टरों की सेवानिवृत आयु 65 से 70 साल करने के मुद्दे को भी टाल दिया है।

एसोसिएशन के महासचिव डॉ पुष्पेंद्र वर्मा ने मांग की कि रिटायरमेंट के बाद किसी भी तरह का सेवाविस्तार नहीं दिया जाए ताकि अन्य लोगों की पद्दोन्नति पर इसका असर न पड़े। इस पर भी सरकार ने अपनी सहमति जताई है। मेडिकल कॉलेज में अनुबंध पर तैनात पैकल्टी को लोक सेवा आयोग या डीपीसी से नियमित किए जाने पर सहमति जताई गई है। जो कमीशन पास एसिस्टेंट और एसोसिएट प्रोफेसर मेडिकल कॉलेज में तैनात किए गए हैं, जिनकी आवश्यक योग्यता पूरी नहीं है, सरकार उनकी तैनाती नहीं करेगी। मुख्यमंत्री ने इस संबंध में अधिकारियों को उचित दिशा-निर्देश भी जारी किए हैं। बातचीत के बाद मेडिकल ऑफिसर एसोसिएशन की कार्यकारिणी के डॉ. अनुपम बदन, डा. विशाल जम्वाल और डॉ. राजेश राणा सहित आरडीए अध्यक्ष नेरचौक डॉ. अश्वनि कुमार ने सरकार से विभिन्न मुद्दों पर गंभीरता दिखाने के लिए धन्यवाद और आभार जताया।