शिमला, राष्ट्रीय दृष्टिहीन संघ ने प्रदेश सरकार से 1995 से लेकर खाली पड़े बैकलॉग को भरने की मांग उठाई है। कुलदीप ठाकुर संयोजक राष्ट्रीय दृष्टिहीन संघ ने कहा कि जय राम सरकार खुद को कमजोर वर्गों की हितैषी कहती है, वहीं हमारे कई बार मुख्यमंत्री और सामाजिक न्याय और अधिकारिता विभाग मंत्री के साथ दृष्टिहीनों की लंबित मांगो पर चर्चा भी हुई। लेकिन मुख्यमंत्री और मंत्री हर बार हमें हमारी मांगे पूरी करने का आश्वासन ही देते हैं। पर बाद में इन के कार्यालय से हमारे पत्रों का उत्तर तक नहीं मिलता और न ही हमारे द्वारा लिखे पत्रों की स्थिति बताई जाती है।
हिमाचल में दिव्यांगों के लिए दो स्कूल ढली और सुंदरनगर है जहां पर दृष्टिहीनों और दूसरे दिव्यांगों को एक साथ पढ़ाया जाता है। जो कि सम्भव नहीं है क्योंकि दृष्टिहीनों और मूक बधिर को एक शिक्षा पद्दति से नहीं पढ़ाया जा सकता है। सरकार ने 2012 से तो निगम की बसों में दी जाने निःशुल्क यात्रा को भी बन्द कर दिया है। न्यायालय ने दिव्यांगों के लिए 3 फ़ीसदी नोकरियो में आरक्षण दिया है। जिसमें दृष्टिहीनों का 2 एक फ़ीसदी है। जो कि खाली पड़ा है लेकिन सरकार इसको नही भर रही है।
माननीय अपने भत्ते तो बढ़ा रहे हैं लेकिन दृष्टिहीनों की कोई नहीं सुन रहा है। संघ ने चेतावनी दी कि यदि मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में सभी विभागों के सचिवों के साथ हमारी बैठक नहीं होती है तो 1 माह बाद संगठन प्रदेश में अपना अनिश्चित कालीन आंदोलन प्रारंभ करेगा। इस बार ये आंदोलन करो या मरो के वाला होगा।