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फर्जी डिग्री मामले पर अब सात माह बाद जागी सरकार, शिक्षा मंत्री बोले नियामक आयोग को दिए जांच के आदेश

पी. चंद, शिमला |

हिमाचल के दो निजी विश्वविद्यालयों में फर्जी डिग्री मामले में जो सरकार सात माह तक चुप रही वहीं, सरकार अब इस मामले के उजागर होने के बाद हरकत में आई है। अब सरकार कह रही है कि मामले में जांच के आदेश निजी शिक्षण संस्थान नियामक आयोग को दिए गए है। हालांकि अभी भी सरकार निजी विश्वविद्यालयों पर किसी तरह का सीधे तौर पर नियंत्रण न होने की बात कर रही है। प्रदेश शिक्षा मंत्री सुरेश भारद्वाज ने कहा कि हिमाचल में निजी विश्वविद्यालयों को रेगुलेट करने के लिए रेगुलेटरी कमीशन बना हुआ है।  नियामक आयोग को  हाई कोर्ट ने क्वेश किया है। लेकिन सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में अपील की है।

उन्होंने कहा कि निजी विश्वविद्यालय पर सरकार का  सीधे नियंत्रण नहीं है। रेगुलेटरी कमीशन के माध्यम से ही इन्हें कंट्रोल किया जाता है। उन्होंने माना कि प्रदेश के दो निजी विश्वविद्यालयों में लाखों फर्जी डिग्रियां बेची गई है, जिसको लेकर यूजीसी से पत्र भी विभाग को आया है। इसकी जांच के लिए रेगुलेटरी कमीशन को भेज दिया है । सरकार इसमें संज्ञान नहीं ले सकती है । सरकार  इस मामले को पुलिस ओर कमीशन को ही भेज सकती है जो कर दिया गया है और कमीशन ही इस पर संज्ञान लेगा। यदि इसमें कोई फर्जीवाड़ा हुआ है तो सरकार निश्चितरूप से चाहेगी की इसकी  जांच भी हो और आपरधियों के खिलाफ कार्रवाई भी की जाएगी। शिक्षा मंत्री ने कहा  की अन्य विश्वविद्यालयों में जहां  छात्र पढ़ाई करके पास होते है ऐसे में इस तरह के फर्जीवाड़े से डिग्री हासिल करवाना किसी सूरत में बर्दस्त नहीं किया जाएगा। सरकार इसको लेकर गंभीर है और निश्चित रूप से जांच भी करवाई जाएगी ।

बता दे कि प्रदेश में दो निजी विश्वविद्यालयों पर पैसे लेकर डिग्रियां बेचने के आरोप में विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने प्रदेश सरकार को पत्र भेजा था। एक निजी विश्वविद्यालय शिमला और दूसरा सोलन में है। शिक्षा के नाम पर चल रहे फर्जीवाडे़ को लेकर बीते साल कुछ अज्ञात लोगों ने देश के 13 निजी विश्वविद्यालयों पर आरोप लगाते हुए यूजीसी को पत्र भेजा था। सोलन के विवि पर सात साल में चार से पांच लाख और शिमला के विवि पर 15 हजार फर्जी डिग्रियां बेचने का आरोप है। एजेंटों के माध्यम से विद्यार्थियों से मोटी रकम वसूल कर उन्हें डिग्रियां दी जा रही हैं। ऐसी डिग्रियां भी बेची जिनके कोर्स करवाने के लिए वह  अधिकृत नहीं हैं। यूजीसी की ओर से 30 अगस्त 2019 को सरकार को पत्र इन विश्वविद्यालयों के बारे में लिखा है। अब मामले में जांच आयोग की ओर से भी की जा रही है और पुलिस को इस बारे में पत्र लिखा गया है।