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भारत सरकार ने ‘उग्येन त्रिनले दोरजे’ को 17वां करमापा मानने से किया इनकार

मृत्युंजय पूरी, धर्मशाला |

तिब्बतियों के 17वें करमापा के विदेशी पासपोर्ट लेने का मामला अब गरमा गया है। भारत सरकार ने उग्येन त्रिनले दोरजे को 17वां करमापा मानने से इनकार कर दिया है। अब दिक्कत यह है तिब्बती धर्मगुरू दलाई लामा ने खुद दोरजे को 17वां करमापा माना है।

हालांकि, दोरजे ने भारत सरकार से बिना पूछे विदेशी पासपोर्ट हासिल किया है। वे इस साल मई से अमेरिका में रह रहे हैं और भारत नहीं आए हैं। दोरजे को भारत में तिब्बत की निर्वासित सरकार ने भी आधिकारिक रूप से 17वें करमापा का दर्जा दिया है, जबकि थाए दोरजे को दिवंगत शामार रिंपोछे ने 17वां करमापा माना है।

विदेश मंत्रालय के सूत्रों का कहना है कि भारत उग्येन त्रिनले दोरजे को 17वें करमापा का दावेदार नहीं मानता। माना जा रहा है कि भारत के इस रुख का कारण उग्येन त्रिनले दोरजे का बिना सरकार की अनुमति के विदेशी पासपोर्ट लेना और अमेरिका में अपने प्रवास को बढ़ाना है।