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खत्म किए पदों की जगह रखेंगे जेओएआईटी, बिजली बोर्ड का खर्च वहन नहीं कर सकती सरकार: सीएम सुक्खू

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Government plan for vacant positions: हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने हाल ही में सरकारी योजनाओं और विशेषकर बिजली बोर्ड के वित्तीय ढांचे पर महत्वपूर्ण जानकारी साझा की। उन्होंने स्पष्ट किया कि सरकार की योजना है कि सालों से खाली पड़े पद समाप्त किए जाएंगे। उन पदों की जगह अब जेओएआईटी (Junior Office Assistant IT) के पद भरे जाएंगे, जो वर्तमान तकनीकी जरूरतों के अनुसार अधिक उपयुक्त हैं। सुक्खू ने कहा कि यह कदम राज्य के प्रशासनिक ढांचे को और अधिक सक्षम बनाने के लिए उठाया जा रहा है, खासकर जब से कंप्यूटर और डिजिटल सेवाएं तेजी से बढ़ रही हैं।

मुख्यमंत्री ने बिजली बोर्ड के कर्मचारियों को सलाह दी कि उन्हें अब अपने पांव पर खड़ा होना पड़ेगा। उन्होंने बताया कि सरकार द्वारा बिजली बोर्ड को हर साल 2,200 करोड़ रुपये की सब्सिडी दी जाती है, जो ग्रामीण किसानों को भी उपलब्ध कराई जा सकती है। उन्होंने कहा कि यह आवश्यक है कि बिजली बोर्ड को अपनी वित्तीय स्थिति पर विचार करना चाहिए, क्योंकि यह राशि अंततः जनता पर बोझ डालती है।

सुखविंद्र ने यह भी उल्लेख किया कि प्रति यूनिट बिजली की लागत 2.5 रुपये है, जो कर्मचारियों और पेंशनरों पर खर्च होती है, इसके बाद जनता का नंबर आता है। मुख्यमंत्री ने चेताया कि सरकार कब तक अनुदान देती रहेगी, और यह भी ध्यान देने योग्य है कि बिजली बोर्ड की वित्तीय समस्याओं का समाधान खोजने की आवश्यकता है। उन्होंने जोर देकर कहा कि यदि बिजली बोर्ड को दी जाने वाली अनुदान राशि को ग्रामीण विकास में लगाया जाए, तो इससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी।

इस अवसर पर, सुक्खू ने नेता प्रतिपक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर पर भी निशाना साधते हुए कहा कि वह जनता को गुमराह कर रहे हैं और केवल सुर्खियों में रहने के लिए ऐसे बयान दे रहे हैं जो वास्तविकता से कोसों दूर हैं।

 

मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने स्पष्ट किया कि सरकार न केवल प्रशासनिक सुधारों पर ध्यान दे रही है, बल्कि बिजली बोर्ड की आर्थिक स्थिरता को भी प्राथमिकता दे रही है। उन्होंने कर्मचारियों से आग्रह किया कि वे भी अपनी जिम्मेदारियों को समझें और सरकार के साथ मिलकर काम करें, ताकि सभी के लिए बेहतर भविष्य सुनिश्चित किया जा सके।