प्रदेश सरकार और अध्यापक संघ के बीच टकरार जारी है। वहीं हिमाचल राजकीय अध्यापक संघ ने सरकार पर अध्यापकों की वार्षिक वेतन वृद्धि रोकने का आरोप लगाया है। संघ के अध्यक्ष वीरेन्द्र चौहान ने बताया कि जिन स्कूलों का परीक्षा परिणाम 25 फ़ीसदी से कम रहा है। उसका सारा दोष शिक्षकों पर मढ़ कर सरकार अपने गलत फैसलों से बचती है। शिक्षकों के वित्तीय लाभ मारे जा रहे है।
संघ ने सरकार को दो माह का समय दिया है यदि इस दौरान उनकी वित्तीय मांगो को नही माना गया तो इसका जबाब लोकसभा चुनावों में दिया जाएगा। वीरेन्द्र चौहान ने कहा कि शिक्षक प्रदेश के हर कोने में अपनी सेवाएं देने को तैयार है लेकिन सरकार शिक्षकों के लिए स्थायी नीति को लागू करे। वहीं अध्यक्ष ने कहा कि वेतन वृद्धि रोकने को लेकर संघकोर्ट में भी चुनोती दे सकता है।