हिमाचल प्रदेश सरकार और शिक्षा विभाग ने शिक्षा विभाग में सेवारत कर्मचारियों के लिये तैयार की गई नई तबादला नीति किसी भी सूरत में मान्य नहीं होगी। इसका पुरी तरह से कर्मचारी वर्ग विरोध करेगा। यह बात हिमाचल प्रदेश न्यू पेंशन योजना (एनपीएस) की पूर्व प्रदेशाध्यक्ष सीमा चौहान ने जाहू में पत्रकारों को संबोधित करते हुए कही। उन्होंने कहा कि शिक्षक वर्ग प्रदेश में लगातार स्कूलों में अच्छी शिक्षा देने का कार्य कर रही है। लेकिन प्रदेश सरकार व शिक्षा विभाग कर्मचारियों को प्रताडित करने व परेशान करके के कार्य में लगे हुए हैं।
उन्होंने कहा कि नई तबादला नीति को प्रदेश में अगर लागू किया गया तो उसका जमकर विरोध किया जाएगा। उन्होंने कहा कि वर्श 2008 से 2009 तक पुराने आरएंड पी नियमों के तहत लगे टीजीटी अध्यापक मानसिक रूप से बेहद परेशान है। उन्होंने कहा कि इन अध्यापकों को सरकार की गलत नीति के कारण पांच से छह साल के कार्यकाल में नियमित किया गया है। उन्होंने मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर से मांग की कि इस वर्ग के अध्यापकों की समस्याओं और मांगों को गहनता से विचार करें ताकि ऐसे अध्यापकों को न्याय मिल सके।
सीमा चौधरी ने कहा कि टीजटी वर्ग शिक्षा की रीढ़ की हडडी है। ऐसे में इस वर्ग के साथ हो रहे अन्याय का समाधान करना होगा। उन्होंने कहा कि प्रदेश के कर्मचारियों में न्यू पेंशन स्कीम पर बेहद रोश है और कर्मचारियों से साथ धोखा है। बुढ़ापे के समय सेवानिवृति पर लगने वाली एक हजार से दो हजार रूपए तक पेंशन से बहेत्तर होगा की उस समय बुढ़ापा पेंशन ही ली जाए। उन्होंने न्यू पेंशन स्कीम को बंद करने तथा पुरानी पेंशन योजना को कर्मचारियों के हितों के लिये दोबारा शुरू करने की मांग की है।