छात्र अभिभावक मंच ने प्रदेश सरकार पर निजी स्कूलों के छात्रों औऱ अभिभावकों को गुमराह करने का आरोप लगाया है। मंच ने सरकार से अपील की है कि वह हर रोज़ नई-नई भ्रामक बयानबाजी करना बंद करे और अभिभावकों के लिए सभी तरह की चार्जेस माफी की अधिसूचना जारी करके न्याय प्रदान करें।
मंच के संयोजक विजेंद्र मेहरा ने सरकार पर छात्रों औऱ अभिभावकों को गुमराह करने का आरोप लगाया है। सरकार के मंत्रीगण और अधिकारी हर रोज़ गलत बयानबाजी करके छात्रों और अभिभावकों को गुमराह करने की कोशिश कर रहे हैं। अब हर दिन मंच प्रदेश सरकार से तथ्यों के आधार पर एक प्रश्न पूछेगा जिसका जबाव सरकार को देना होगा। इन प्रश्नों के ज़रिए अभिभावक मंच प्रदेश सरकार की नीयत और नीति का खुलासा करेगा। इस के ज़रिए प्रदेश सरकार की निजी स्कूल प्रबंधनों के साथ मिलीभगत को बेनकाब किया जाएगा। इन प्रश्नों के माध्यम से अभिभावकों को सरकार की अभिभावक विरोधी और निजी स्कूल समर्थक नीतियों के बारे में शिक्षित और जागरूक किया जाएगा।
सरकार के पोल खोल अभियान के तहत मंच के संयोजक विजेंद्र मेहरा ने सरकार से पहला प्रश्न किया है। जिसका प्रदेश सरकार को जबाव देना होगा। सरकार से पूछा है कि हर रोज़ सरकार बयानबाजी कर रही है कि निजी स्कूलों को टयूशन फीस के अलावा एनुअल चार्जेज़ और अन्य चार्जेज़ की वसूली की इज़ाज़त नहीं दी जाएगी। पर सरकार बयानबाजी के बजाए इसकी अधिसूचना जारी क्यों नहीं कर रही है।
क्या सरकार जानबूझकर इस अधिसूचना के लिए पंचायत चुनावों की घोषणा का इंतज़ार कर रही है। ताकि चुनाव आचार संहिता की आड़ में यह कहा जा सके कि चुनाव आचार संहिता के कारण सरकार यह अधिसूचना जारी नहीं कर पाई। इसकी आड़ में अभिभावकों को गुमराह किया जा सके और निजी स्कूल प्रबंधनों को फायदा पहुंचाया जा सके। अगर सरकार वाकई में अभिभावकों के प्रति हमदर्दी रखती है औऱ उन्हें न्याय देना चाहती है तो इस अधिसूचना को सरकार तुरन्त जारी क्यों नहीं करती।