शिमला: कोरोना काल में टैक्सी ऑपरेटर्स का काम पूरी तरह ठप हो गया है। जिससे इस व्यवसाय से जुड़े लोगों को अपना जीवन यापन करने के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है। सरकार ने कोरोना काल के दो साल में टैक्सियों का मात्र 150 रुपया कम किया है। जॉइंट टैक्सी यूनियन वेलफेयर कमेटी जिला शिमला ने सरकार से पिछले दो सालों का टोकन टैक्स और पैसेंजर टैक्स माफ करने की मांग उठाई है।
शिमला में पत्रकार वार्ता के दौरान यूनियन के महासचिव संदीप कंवर ने बताया कि शिमला शहर में पिछले कई सालों से सरकार द्वारा टैक्सी यूनियनों में प्रीपेड बूथ लगाने की योजना चल रही है, लेकिन 3 साल बीत जाने के बाद भी अभी तक इस बारे में कोई रुपरेखा सरकार और प्रशासन द्वारा तैयार नहीं की गई है। उन्होंने कहा कि कोरोना काल में टैक्सी गाड़ियां 2 साल से पूर्ण रूप से खड़ी हैं और कोई भी काम टैक्सी गाड़ियों ने नहीं किया है। इसलिए टैक्सी गाड़ियों का 2 साल का टोकन टैक्स और पैसेंजर टैक्स माफ किया जाए।
उन्होंने कहा कि करोना काल में सभी टेक्सी गाड़ियां पूर्ण रूप से खड़ी रही हैं इसलिए सरकार द्वारा कम से कम 5 साल टैक्सी का परमिट बढ़ाया जाना चाहिए। इसके अलावा उन्होंने मांग कि है कि नया मोटर व्हीकल एक्ट लागू होने के बाद चालान की दरें बहुत अधिक मात्रा में बढ़ चुकी हैं। सरकार द्वारा जुर्माने की राशि को कम किया जाना चाहिए। उन्होंने मांग की है कि गाड़ियों के लिए टैक्सी स्टैंडों का निर्माण किया जाए और पार्किंग की उचित व्यवस्था की जाए।
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