हिमाचल प्रदेश में क्रेशर मालिकों को अवैध खनन रोकने के लिए सरकार का सहयोग करने से साफ मना कर दिया है और उनका कहना है कि जो भी नए नियम सरकार ने अवैध खनन रोकने के लिए बनाए हैं। हम उनका विरोध करते हैं। इसी के चलते क्रेशर मालिक अब अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने का मन बना लिया है। हिमाचल प्रदेश के अलग-अलग जिलों के संघ इसके विरोध को लेकर आगे आए हैं और 1 मार्च से ऊना के क्रेशर हड़ताल पर है।
कांगड़ा के क्रेशर मालिक 5 मार्च से हड़ताल पर चले गए हैं। इसी तरह अब हमीरपुर की आज से हड़ताल पर जा रहे हैं। हमीरपुर संघ के सचिव आशीष शर्मा के अनुसार 7 मार्च से मतलब आज से हमीरपुर के सभी क्रशर मालिक अपना कामकाज बंद कर देंगे। उन्होंने कहा कि सरकार के नए कानून नियमओं का सारा धंधा चौपट कर देंगे। सेक्रेटरी इंडस्ट्री की ओर से जारी अधिसूचना के अनुसार यदि कोई जेसीबी खनन करती हुई पाई जाती है या फिर कोई ट्रैक्टर टिप्पर ओवरलोड सामान लेकर जाता हुआ पाया जाता है तो अब केवल जुर्माना नहीं बल्कि क्रेशर मालिक और वाहन चालक पर मामला दर्ज़ किया जाएगा।
इसके अलावा जेसीबी या फिर उस ओवरलोड वाहन को बांधकर 5 लाख तक का जुर्माना भी सरकार कर सकती है। इससे पहले सरकार सिर्फ जुर्माना वसूला करती थी और वाहन जब्त होते थे। लेकिन उन्हें थोड़े समय में रिलीज भी कर दिया जाता था। लेकिन लगातार बड़ा खाना अब सरकार के गले की फांस बन चुका है और अब जब सरकार खनन माफिया पर लगाम लगाने में नाकामयाब रही है तो अब यह नया रूल सरकार ने हिमाचल प्रदेश में लागू कर दिया है। जो कि क्रेशर मालिकों को बिल्कुल भी मंजूर नहीं है।
वहीं, पहले जहां अवैध खनन को लेकर क्रेशर मालिकों से पूछा जाता था। तब वह जेसीबी के प्रयोग करने की बात से इंकार कर देते थे। लेकिन अब इनकी दलील कि खडो में काम करने वाले मजदूर दो-दो महीने छुट्टी पर चले जाते हैं। जिससे उनका काम प्रभावित होता है। इसलिए उन्हें जेसीबी से माल लोड करने की अनुमति दी जाए और अगर सरकार ने नए नियमों में बदलाव नहीं किया तो यह अनिश्चितकालीन हड़ताल जारी रहेगी। अब देखना यह है कि पहले कई मामलों की तरह जैसे सरकार ने यू-टर्न लिया है। अवैध खनन को लेकर सरकार इस मामले में क्या निर्णय लेती है।