जिला कुल्लू के विभिन्न ग्रामीण रूटों पर निजी बस आपरेटरों ने 70 बस रूट शुरू किए थे लेकिन कोरोना की मार के चलते लोग अपने घरों से बाहर नहीं निकल पा रहे हैं। नतीजा यह हुआ कि बसें खाली ही सड़कों पर दौड़ रही है इसके चलते अब निजी बस ऑपरेटरों को बसों के खर्चे निकालने भी मुश्किल हो गए हैं। इतना ही नहीं मनाली से भुंतर तक निजी बस ऑपरेटरों को अड्डा फीस के नाम पर भी ₹200 खर्च करने पड़ रहे हैं जो कि उनके लिए काफी मुश्किल है।
निजी बस ऑपरेटरों की मानें तो सरकार ने बसें चलाने के निर्देश जारी कर दिए। लेकिन उनके लिए कोई खास सहूलियत अभी तक नहीं मिल पाई है। वह भी सरकार के आदेशों के चलते अपनी बसों को विभिन्न रूटों पर तो दौड़ा रहे हैं। कई रूट तो ऐसे हैं जहां पर बस का तेल का खर्च भी नहीं निकल पा रहा है।
निजी बस ऑपरेटर संघ के अध्यक्ष रजत जमवाल का कहना है कि निजी बस ऑपरेटरों की मांग के बारे में सरकार को भी अवगत करवाया गया था लेकिन कोई नतीजा नहीं निकला वहीं अगर निजी बस ऑपरेटरों को घाटा होता रहा तो 2 दिनों के बाद वे एक बार फिर से अपनी बसों को खड़ा कर देंगे।
गौर रहे कि 1 जून को जिला के विभिन्न रूटों पर निजी बसें रवाना हुई थी लेकिन सवारियां न मिलने के चलते अब इनकी संख्या मात्र 20 ही रह गई है ऐसे में अगर आगामी दिनों में भी बसों में सवारियां नहीं हुई तो एक बार फिर से निजी बस ऑपरेटर अपने गाड़ियों को खड़ा कर देंगे।