किन्नौर के न्युगलसेरी में हुए भूस्खलन की घटना से सबक लेते हुए सरकार अब इसको लेकर रिसर्च करवाएगी ताकि भविष्य में इस तरह की घटना से बचा जा सके। शहरी विकास मंत्री सुरेश भारद्वाज ने शिमला में बताया कि ट्राइबल में इस बार काफी भूस्खलन हुआ है जिसमें कई लोगों की जान भी गई है। ट्राइबल का एरिया हिमालयन रेंज में आता है और हिमालय दुनिया का सबसे यंगेस्ट पर्वत है। इसलिए यह अभी सैटलमेंट स्टेज पर हो सकता है तभी इस तरह की चट्टानें गिरने की संभावना रहती है। इसको लेकर केंद्र सरकार से भी बात की जाएगी और इसका अध्ययन भी किया जाएगा।
बता दें कि 11 अगस्त को किन्नौर के न्यूगलसेरी में भूस्खलन होने से एक HRTC बस सहित कुल 6 वाहन मलबे की चपेट में आ गए थे। इस हादसे में करीब 28 लोगों की मौत हो गई है। वहीं, इससे पहले 25 जुलाई को भी किन्नौर के सांगला-छितकुल मार्ग पर पहाड़ी से पत्थर गिरने से करीब 9 लोगों की मौत हो गई थी।