<p>मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि कोरोना काल में डिजास्टर प्रबंधन अधिनियम के तहत कुछ पत्रकारों पर जगह जगह केस दर्ज हुए हैं। सरकार यह अनुभव करती है कि कोरोना काल में जागरूकता से लेकर सूचना देने तक मीडिया ने अच्छा काम किया है जिसकी प्रशंसा होनी चाहिए। सरकार इसके लिए मीडिया का आभार प्रकट करती है। कुछ मामलों में जो वक्त के हालात के अनुसार मामले दर्ज हो गए हैं सरकार उन्हें वापस ले लेगी। इसके लिए जो भी जरूरी प्रक्रिया है उसे पूरा करने के आदेश दिए गए हैं। जल्द ही इस पर कार्रवाई करते हुए मीडिया बंधुओं के खिलाफ मामले निरस्त किए जाएंगे।</p>
<p>गौरतलब है कि बीते दिनों बर्चुअल प्रेस वार्ता जो मंडी के पत्रकारों के साथ मुख्यमंत्री की हुई थी उसमें यह मामला मंडी के पत्रकारों की ओर से उठाया गया था। मुख्यमंत्री ने उस समय मामले वापस लेने का भरोसा दिया था और आज इसका एलान मुख्यमंत्री ने मंडी प्रवास के दौरान पत्रकारों से बातचीत में स्वयं किया। पत्रकारों ने इसके लिए मुख्यमंत्री का आभार जताया है।</p>
<p><span style=”color:#c0392b”><strong>हाइडल प्रोजेक्टों के रिजेक्ट पाइप लगाने के मामले की हो रही है जांच, दोषियों के खिलाफ होगी कार्रवाई: CM</strong></span></p>
<p>मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने मंडी प्रवास के दौरान पत्रकारों से बातचीत में मंडी जिले के चूल्हा प्रोजेक्ट में मेन पाइप में बलास्ट होने के मामले को लेकर पूछे गए सवाल पर कहा कि इस परियोजना समेत प्रदेश की पांच परियोजनाओं में इसी तरह का पाइप प्रयोग में लाया गया है जो पहले विशेषज्ञों ने रिजेक्ट कर दिया है। इसकी जांच चल रही है। रिजेक्ट पाइप होने के बावजूद हाइडल परियोजनाओं में इस पाइप की सप्लाई क्यों ली गई, इसे लगाकर इतना बड़ा जोखिम क्यों उठाया गया, गुणवत्ता से समझौता क्यों किया गया इस सब की जांच चल रही है। जल्द ही इसकी रिपोर्ट आने वाली है और जो भी दोषी होंगे उन्हें बख्शा नहीं जाएगा।</p>
<p>गौरतलब है कि चूल्हा प्रोजेक्ट जो मंडी जिले के जोगिंदरनगर में उहल नदी के पानी से बन रहा है बीते साल कामीशन होना था मगर देरी से ही सही मगर जब बीते महीने इसका उत्पादन शुरू हुआ और इसकी टेस्टिंग चल रही थी तो मेन पाइप में बलास्ट हो गया। इस परियोजना पर अठारा सौ करोड़ खर्च हो चुके हैं और 1985 को आरंभ होने वाली परियोजना 24 मार्च 2020 को पूरी हुई जो अपने आप में हैरानी का विषय है । जब परियोजना बनकर तैयार हुई तो उसकी टेस्टिंग के समय पेनस्टॉक ब्लास्ट हो गया और एक बड़ा हादसा हुआ। गनीमत से इस हादसे में किसी जान का नुकसान नहीं हुआ मगर करोड़ों रुपए की संपत्ति नष्ट हो गई ।</p>
<p>सांसद रामस्वरूप शर्मा ने मुख्यमंत्री को इसकी जांच करवाने के लिए शिकायत भेजी थी तथा आरोप लगाया था कि यही स्टील पाइप विद्युत परियोजना मलाणा, बड़ागांव, कूट जल विद्युत परियोजना व किन्नौर सारंग में भी लगाई गई है, जिसके चलते 24 अगस्त 2013 को मलाणा, जनवरी 2015 को बड़ागांव, फरवरी 2015 को कूट फरवरी 2015 को किन्नौर के सारंग विद्युत परियोजना के पेन सटॉक का ब्लास्ट हो चुका है जिसमें देश की अरबों की संपत्ति नष्ट हो गई थी। मुख्यमंत्री ने कहा कि कांग्रेस कार्यकाल के वक्त यह स्टील पाइपें खरीदी व लगाई गई हैं। जांच में सब सामने आ जाएगा।</p>
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