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सरकार के दावे हुए खोखले साबित, बदहाल हालत में जी रहा स्वतंत्रता सेनानी का परिवार

जसबीर कुमार |

हमीरपुर जिला के गांव गरोडू डाकघर कनरेड के स्वर्ग सिधार चुके बेली राम का परिवार सुविधाओं को तरस रहा है. लेकिन आजाद हिन्द फौज का सच्चा सिपाही रहने वाले स्वर्गीय बेली राम के परिवार की जमकर अनदेखी हुई है. परिवार के सदस्यों ने कई बार जिला प्रशासन से लेकर सरकार के नुमाइदों से परिवार की हालत के बारे गुहार लगाई है लेकिन कुछ नहीं मिला. स्वतंत्रता सेनानी परिवार का पुराना घर इतना जर्जर हो चुका है और कभी भी बरसात में जमीदोंज हो सकता है.

बता दें कि 27 अप्रैल 1973 को स्वतंत्रता सेनानी बेली राम का निधन हो गया था. स्वर्गीय बेलीराम ने आजाद हिन्द फौज में सिपाही रहें है और आठ मास तक कोलकत्ता , सिंगापुर जेल में रहें और 1945 में अंग्रेजों ने कोर्ट मार्शल किया था. स्वतंत्रता सेनानी के सपुत्र कश्मीर सिंह ठाकुर ने बताया कि 14 साल की उम्र में पिता आजाद हिन्द फौज में शामिल हुए थे और सुभाष चद्र बोस के रंगून में शुरू हुए आंदोलन में भी साथ ही रहें है. उन्होंने बताया कि रंगून से लेकर कोहिमा तक विश्व युद्व लडते रहें है. आठ महीने सिंगापुर और रगून और चार साल तक कलकता में जेल काटी है. उन्होंने बताया कि पिता के स्वर्ग सिधार जाने के बाद माता को पेंशन मिलती थी लेकिन बाद में स्वत्रतंता सेनानी के परिवार की ओर कोई ध्यान नहीं दिया गया. आज पुराना घर जर्जर हो चुका है. तो स्वतंत्रता सेनानी की याद में बनाए गए गेट की हालत भी दयनीय बनी हुई है.

कश्मीर सिंह ठाकुर ने बताया कि आज पूरा परिवार स्वतंत्रता सेनानी का मजाक उडाते है क्योंकि सुविधाओं के नाम पर कुछ नहीं दिया गया है. उन्होंने बताया कि माता के स्वर्ग सिधार जाने के बाद अब जिला प्रशासन के द्वारा कोई सुध नहीं ली है जबकि स्वतंत्रता सेनानी संघ के माध्यम से भी उपायुक्त से कई बार इस बावत आग्रह किया जा चुका है. उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी से भी गुहार लगाई है कि स्वतंत्रता सेनानी परिवार को मदद की जाए और सम्मान दिया जाए.

कश्मीर सिंह ठाकुर ने कहा कि जर्जर हो चुके घर की मरम्मत के लिए प्रशासन से भी गुहार लगा चुके है लेकिन कोई मदद नहीं मिली है और आजकल बरसात में कभी भी घर जमीदोज हो सकता है. कश्मीर सिंह ने बताया कि मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर से भी मुलाकात की थी और स्वत्रतंता सेनानी की ओर से पत्र बनाकर दिया था लेकिन आज कई साल बीतने पर भी कोई जबाव नहीं आया है. उन्होंने सरकार से गुहार लगाई है कि स्वतंत्रता सेनानी परिवारों की ओर जल्द ध्यान दिया जाए.