शनिवार को बिलासपुर में आयोजित राज्यस्तरीय नलवाड़ी उत्सव के समापन समारोह की अध्यक्षता करते हुए प्रदेश के राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल ने कहा कि नलवाडी़ राज्य का एक पारंपरिक त्योहार है जो विशेषकर छींज (कुश्ती मुकाबले) के कारण वर्षाें से प्रसिद्ध है।
राज्यपाल ने कहा कि हिमाचल प्रदेश न केवल देवभूमि है बल्कि उच्च सांस्कृतिक मूल्यों का पोषक भी है। नलवाड़ मेला न केवल इस जिले की समृद्ध कला, संस्कृति को दर्शाता है बल्कि लोगों की सरल और उमंग भरी जीवनशैली का भी परिचायक है।
श्री शुक्ल ने मेला आयोजन समिति को बधाई देते हुए कहा कि प्रदेश के लोगों के दैनिक जीवन में मेले और त्यौहार महत्वपूर्ण स्थान रखते हैं। नलवाड़ी मेले के दौरान आयोजित होने वाली अन्य गतिविधियों में कुश्ती प्रतियोगिता एक प्रमुख आकर्षण है। उन्होंने कहा कि मेलों और उत्सवों में आयोजित होने वाली खेल गतिविधियां युवाओं को खेलों की ओर मोड़ने तथा उन्हें नशे से दूर रहने के लिए प्रोत्साहित करतीं हैं।
उन्होंने कहा कि समय के साथ इस मेले में बहुत सारे बदलाव देखने को मिले हैं और पड़ोसी राज्यों के व्यापारियों को पर्याप्त मंच प्रदान करके यह मेला और अधिक व्यावसायिक बन गया है।
राज्यपाल ने इस मौके पर प्रत्येक मतदाता से आगामी लोकसभा चुनाव में अपने मताधिकार का प्रयोग कर देश की लोकतांत्रिक व्यवस्था को मजबूत करने में योगदान देने की अपील की।
इस अवसर पर उन्होंने पारंपरिक छींज मुकाबला भी देखा।
राज्यपाल ने कुश्ती मुकाबलों के विजेताओं को पुरस्कार वितरित करने के बाद महोत्सव के समापन की घोषणा की।
पुलिस अधीक्षक विवेक चहल ने राज्यपाल का स्वागत किया और ऐतिहासिक नलवाड़ी मेले के दौरान आयोजित विभिन्न गतिविधियों के बारे में विस्तार से जानकारी दी।