Renuka Ji International Fair: पांच दिवसीय अंतरराष्ट्रीय स्तर के श्री रेणुका जी मेले का विधिवत समापन राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल ने किया। परंपरा अनुसार राज्यपाल ने भगवान परशुराम की देव पालकी को कंधा देकर सभी देवताओं की विदाई की। दशमी के दिन यहां पहुंची देव पालकियों को आज मंदिर परिसर से अपने-अपने स्थान के लिए रवाना किया गया।
मेले के अंतिम दिन हजारों श्रद्धालु श्री रेणुका जी पहुंचे और मंदिर परिसर में रखी देव पालकियों के दर्शन का लाभ उठाया। इस अवसर पर मेले में देवताओं के अद्भुत मिलन और परंपराओं का साक्षी बनने का मौका सभी श्रद्धालुओं को मिला।
राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल ने कहा कि श्री रेणुका जी मेला परंपराओं का अद्भुत संगम है, जहां एक बेटा (भगवान परशुराम) अपनी मां (माता रेणुका) से मिलने पहुंचता है। उन्होंने इसे एक अनूठी परंपरा बताते हुए कहा कि यह मेला सिर्फ धार्मिक आयोजन नहीं है, बल्कि संस्कृति और परंपराओं का जीवंत प्रतीक है।
राज्यपाल ने रेणुका क्षेत्र के विकास के लिए केंद्र सरकार से योजनाएं लाने का आश्वासन दिया। उन्होंने कहा कि यह रमणीय स्थल है और इसकी ऐतिहासिक एवं धार्मिक महत्व को देखते हुए इसे और विकसित किया जाएगा।
“यह मेला परंपराओं का अद्भुत संगम है। मैं अपने स्तर पर केंद्र सरकार से यहां के विकास का मामला उठाऊंगा और हर संभव प्रयास करूंगा।”
– शिव प्रताप शुक्ल, राज्यपाल हिमाचल प्रदेश
वहीं, अंतर्राष्ट्रीय जनजातीय गौरव दिवस पर आज श्री रेणुका जी में भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया गया। राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल ने इस अवसर पर जनजातीय समुदाय से जुड़े लोगों को सम्मानित किया और उन्हें बधाई दी। राज्यपाल ने कहा कि यह दिन जनजातीय समाज के लिए विशेष महत्व रखता है, क्योंकि यह भगवान बिरसा मुंडा जैसे महापुरुष के बलिदान और योगदान को याद करने का अवसर है।
राज्यपाल ने वर्चुअली प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में आयोजित राष्ट्रीय कार्यक्रम में भाग लिया। इस कार्यक्रम में बिरसा मुंडा के वंशज भी मौजूद थे। राज्यपाल ने बिरसा मुंडा को नमन करते हुए कहा कि उन्होंने देश की स्वतंत्रता के लिए अपने प्राणों की आहुति दी, जो अविस्मरणीय है।
राज्यपाल ने जनजातीय क्षेत्र सिरमौर के योगदान की सराहना करते हुए कहा कि यह इलाका हिमाचल प्रदेश में जनजातीय समाज की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत का प्रतीक है। उन्होंने समुदाय के विकास और उत्थान के लिए हरसंभव प्रयास करने का आश्वासन दिया।
“जनजातीय गौरव दिवस हमारे जनजातीय समाज के अद्भुत योगदान को याद करने का दिन है। भगवान बिरसा मुंडा का बलिदान हमें सदैव प्रेरणा देता रहेगा।”
– शिव प्रताप शुक्ल, राज्यपाल हिमाचल प्रदेश
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