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राज्यपाल ने स्मार्ट सिटी के अन्तर्गत परियोजनाओं को वर्गीकृत करने पर दिया बल

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राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने कहा कि स्मार्ट सिटी परियोजना के अन्तर्गत सूचना प्रौद्योगिकी, पर्यटन, शिक्षा, स्वास्थ्य और शिमला शहर में सड़कों के विस्तारीकरण को प्राथमिकता दी जानी चाहिए। लोगों को लाभान्वित करने के लिए इन परियोजनाओं को तय समय सीमा के भीतर पूर्ण किए जाने चाहिए। यह बात राज्यपाल ने राजभवन में शिमला स्मार्ट सिटी और विभिन्न परियोजनाओं के अन्तर्गत किए जा रहे विकासात्मक कार्यों के सम्बन्ध में स्मार्ट सिटी के पदाधिकारियों के साथ बैठक के दौरान कही।

राज्यपाल ने कहा कि स्मार्ट सिटी के तहत कार्यान्वित की जा रही परियोजनाएं बड़ी परियोजनाओं, शीघ्र पूर्ण की जाने वाली छोटी परियोजनाओं तथा विचारधीन परियोजनाओं के रूप में वर्गीकृत की जानी चाहिए। उन्होंने सन्तोष व्यक्त करते हुए कहा कि पिछले कुछ महीनों में कोरोना काल के दौरान 250 करोड़ से अधिक की परियोजना कार्यों को पूरा किया गया है। उन्होंने योजनाबद्ध तरीके से अधोसंरचना विकास को सुनिश्चित करने के लिए शिमला शहर पर बढ़ती जनसंख्या के बोझ के मद्देनजर शहर की परिधि में सेटलाइट उप-नगर के विकास पर भी बल दिया। दत्तात्रेय ने पदाधिकारियों को सड़कों पर बढ़ते यातायात के बोझ को कम करने के लिए शिमला शहर में सुरंगों के निर्माण के लिए योजना बनाने के लिए कहा। उन्होंने शहर के अन्दर फूड मार्ट स्थापित करने का भी सुझाव दिया।

पंकज राय ने पावर प्वांइट के माध्यम से समार्ट सिटी शिमला की विस्तृत वस्तुस्थिति से राज्यपाल को अवगत करवाते हुए कहा कि शिमला समार्ट सिटी मिशन के तहत् 529.31 करोड़ रूपए की 28 परियोजनाओं में 23 विभाग सहयोग कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि ढली सुरंग के समानांतर एक सुरंग का निमार्ण किया जाएगा जिसे एचपीआरआईडीसी द्वारा क्रियान्वित किया जाएगा। उन्होंने बताया कि समार्ट सिटी मिशन के अंतर्गत पर्यटन विभाग आईस स्केटिंग रिंक के विकास की परियोजना को क्रियान्वित करने का कार्य कर रहा है जिसके लिए सात करोड़ रूपए प्रस्तावित हैं। उन्होंने बताया कि चैड़ा मैदान से सीटीओ, संजौली चैक से लक्कड़ बाजार और सचिवालय के निकट छोटा शिमला से रिज़ तक बाइक शेयरिंग योजना की जाएगी जिसके लिए 30 सितम्बर तक कार्य आबंटित कर दिया जाएगा और जनवरी 2021 तक इस कार्य को पूर्ण कर लिया जाएगा।