राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 पर उप-कुलपतियों के साथ आयोजित बैठक में राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने समानता और समावेशिता को ध्यान में रखते हुए अनुसंधान, नवाचार और उद्यमिता की दिशा में कार्य करने पर बल दिया। इस मौके पर हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय शिमला के कुलपति प्रो. सिकंदर कुमार, सरदार वल्लभभाई पटेल कलस्टर यूनिवर्सिटी मंडी के कुलपति डॉ. सी.एल. चमन और अटल मेडिकल एंड रिसर्च यूनिवर्सिटी नेरचैक मंडी के कुलपति डॉ. सुरेंद्र कश्यप इस अवसर पर उपस्थित थे।
उन्होंने कहा कि नई शिक्षा नीति के कार्यान्वयन के लिए विश्वविद्यालय स्तर पर एक उच्च-स्तरीय टास्क फोर्स का गठन किया जाना चाहिए और संबंधित लोगों और संस्थानों के परामर्श से नीति का अध्ययन करने के बाद, हमें एक विजन डॉक्यूमेंट एक लक्षित रणनीति और एक सुनियोजित व्यवस्थित चरणवद्व कार्य योजना साल 2040 तक एक बहु-अनुशासनात्मक संस्थान बनने के लिए तैयार कर लानी चाहिए। उन्होंने नई शिक्षा नीति को लेकर विश्वविद्यालय स्तर पर सेमिनार, सम्मेलन आदि आयोजित करने दीर्घकालिक और अल्पकालिक योजनाएं बनाने का सुझाव दिया। उन्होंने कहा कि इस नीति को छात्रों को भी समझाया जाना चाहिए और कहा कि हिमाचल, उच्च शिक्षण संस्थानों के व्यावहारिक प्रयासों से ही इस नीति को लागू करने में देश का अग्रणी राज्य बन सकता है।
कुलपतियों ने नई शिक्षा नीति के संबंध में अपने सुझाव भी दिए, जो राज्य में नीति का लागू करने में सहायक होंगे। उन्होंने नई शिक्षा नीति के कार्यान्वयन में आने वाली व्यावहारिक समस्याओं, चुनौतियों और रणनीति के बारे में भी चर्चा की। राज्यपाल के सचिव राकेश कंवर ने राज्यपाल को उच्च शिक्षा चुनौतियां और राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के अन्तर्गत उठाए गए कदमों की प्रस्तुति दी।