युवाओं में नशे की बढ़ती प्रवृत्ती पर राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर ने चिंता व्यक्त की है। राज्यपाल ने कहा कि हिमाचल एक प्रसिद्ध पर्यटन स्थल है तथा ऐसे में हमें अपनी आने वाली पीढ़ी को नशे जैसी बुराइयों से बचाने के लिए और अधिक सतर्क रहना चाहिए। उन्होंने विद्यार्थियों को ऐसी गतिविधियों से दूर रहने की अपील की। राज्यपाल ने मंगलवार को सरदार वल्लभ भाई पटेल संकुल विश्वविद्यालय, मंडी के शिक्षण संकाय और विद्यार्थियों के साथ संवाद किया और कहा कि विश्वविद्यालय के माध्यम से हमारी पारंपरिक स्वास्थ्य और कृषि गतिविधियों को बढ़ावा दिया जाना चाहिए ताकि समाज वास्तविक रूप से लाभान्वित हो।
राज्यपाल ने कहा कि हमें अपनी शिक्षा प्रणाली को जमीनी कार्यों से जोड़ना होगा, जिसके लिए विद्यार्थियों को नियमित रूप से क्षेत्रों का भ्रमण करवाया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि हिमाचल जैव विविधता में समृद्ध है और इस पर विशेष ध्यान दिया जाना चाहिए। इस जैव विविधता को ग्रामीणों और शोधार्थियों की सहायता से सही रूप से प्रलेखित किया जाए, क्योंकि ग्रामीणों को स्थानीय पौधों की प्रजातियों का बेहतर ज्ञान होता है।
विश्वविद्यालय के विद्यार्थी द्वारा पूछे गए एक प्रश्न के उत्तर में राज्यपाल ने कृषि और मधुमक्खी पालन जैसी संबद्ध गतिविधियों में अनुसंधान कार्य पर विशेष बल देने के लिए कहा। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय के पास इस क्षेत्र में कार्य करने के लिए समुचित अवसर हैं क्योंकि विश्वविद्यालय ने हाल ही में कार्य करना शुरू किया है। उन्होंने हर्बल गार्डन, विस्तार गतिविधियों इत्यादि को बढ़ावा देने, पारंपरिक ज्ञान को महत्व प्रदान करने और विश्वविद्यालय को इसे अपनी कार्यसूची में शामिल कर इस पर कार्य करने की आवश्यकता जताई। उन्होंने पर्यावरण, जैव विविधता और पारिस्थितिकी पर चर्चा की और इस दिशा में और अधिक शोध कार्य करने को कहा।