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जाती भेदभाभ के कारण मंन्दिर में प्रवेश न देने की घटना पर राज्यपाल ने जताया दुख

पी. चंद, शिमला |

आज कुछ समाचार पत्रों में प्रदेश सरकार के एक मंत्री और एक विधायक को लेकर समाचार प्रकाशित हुआ है जिसमें एक मंत्री और विधायक को मन्दिर में प्रवेश करने से रोका गया है। इस पर राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने दुःख व्यक्त किया है। उन्होंने कहा कि देवभूमि में इस तरह की घटना से वह काफी आहत हैं।

उन्होंने कहा कि भारत का संविधान सामाजिक व्यवस्था में नागरिकों के समानता की बात करता है और नागरिकों के अधिकारों की पूर्णतः रक्षा करता है। समाज में जाति के आधार पर भेदभाव संविधान की मूल भावना के अुनकूल नहीं है। संविधान में नीहित इन अधिकारों के कारण ही अनुसूचित जाति, जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग के लोगों के अधिकारों की रक्षा होती है।

दत्तात्रेय ने कहा कि हिमाचल देवभूमि है और यहां इस तरह की घटनाएं चिंताजनक है। उन्होंने मुख्यमंत्री से आग्रह किया है कि इस दिशा में लोगों को जागरूक करने के लिए दिशा निर्देश दें ताकि देवभूमि की सार्थकता बनी रहे।