राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ अर्लेकर ने महान पार्शवगायिका लता मंगेशकर के निधन पर गहरा दुख व्यक्त किया है। अपने शोक संदेश में राज्यपाल ने कहा कि उनके निधन से संगीत की जो क्षति हुई है वह कभी पूरी नहीं हो सकती। उनका पूरा जीवन संगीत साधना में गया।
उन्होंने कहा कि उनका संबंध वैसे गोवा से था। उनके पिता दीनानाथ मंगेशकर गोवा से संबंध रखते थे। लता मंगेशकर जिन्हें सब लता दीदी कहा करते थे, कि संगीत के क्षेत्र में दिया गया योगदान अतुलनीय है, जिसे कभी भुलाया नहीं जा सकता। लता दीदी ने अनेक गाने गाये लेकिन उनकी गायकी में संगीत साधना और तपस्या उजागर होती है।
उन्होंने कहा कि ऐसा प्रतीत होता है कि लता दीदी के जाने से संगीत का सितारा टूट गया है। वह सुरसम्रागी थे, जिनकी क्षतिपूर्ति होना कठिन है। राज्यपाल ने ईश्वर से दिवंगत आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की है।
Kangra: चंडीगढ़-बैजनाथ रूट पर एक दर्दनाक हादसा हुआ, जहां रात 11:00 बजे ठानपुरी के पास…
शिमला। शारदीय नवरात्रि की शुरुआत हो चुकी है। पहले दिन मां दुर्गा की मूर्ति…
मुख्य बिंदु अनुबंध सेवाओं को वरिष्ठता के लिए आंके जाने का निर्णय सुप्रीम कोर्ट…
RBI ने 100 रुपये के नोटों को लेकर अफवाहों का खंडन किया पुराने और नए…
आज का राशिफल 04 अक्टूबर 2024, शुक्रवार मेष (चू, चे, चो, ला, ली, लू, ले,…
मुख्य बिंदु: रेलवे कर्मियों को 2028.57 करोड़ रुपये का बोनस। 10,103 करोड़ रुपये के…