विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस के अवसर पर शिमला के अस्पताल में राज्यपाल राजेन्द्र अर्लेकर ने स्कूल स्तर से परामर्शदाता की सेवाओं की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने कहा कि मानसिक रोगों का इलाज़ सब के सहयोग और सकारात्मक भाव से संभव है। आर्लेकर ने कहा कि विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस के आयोजन के पीछे की भावना समझने और उसके अनुरूप काम करने की जरूरत है। मानसिक दुर्बलता उस व्यक्ति की नहीं होती है, जो पीड़ित है बल्कि उस समाज की होती है, जो ऐसी परिस्थिति पैदा करता है।
उन्होंने कहा कि वह गोवा राज्य में मानसिक रोगियों के उपचार के लिये अस्पताल चला रहे हैं, इसलिये वह इस परिस्थिति से अच्छी तरह वाकिफ हैं। समाज में आ रही विकृतियों के कई कारण हो सकते हैं, उनपर विचार होना चाहिये। जिस परिवार पर यह मुश्किल आती है, उनके लिये कितना कठिन होता है, इसपर चिंतन किया जाना चाहिये। स्कूल स्तर पर बच्चों को परामर्श सेवाएं मिलनी चाहिये क्योंकि यदि ठीक समय पर परामर्श सेवाएं नहीं मिली तो बच्चा डिप्रेशन का शिकार भी हो सकता है। इस समस्या का समाधान एक दिन का नहीं है, इसके लिये निरंतर प्रयास करने और एकजुट प्रयास करने की जरूरत है।