राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल ने बिलासपुर जिले के झंडूता विधानसभा क्षेत्र में स्थित डोहकेश्वर धाम में 36 देवी-देवताओं की प्रतिमा की प्राण प्रतिष्ठा अनुष्ठान में भाग लिया। उन्होंने दो वर्षों की कम अवधि में बन कर तैयार हुए डोहकेश्वर धाम का लोकार्पण भी किया।
राज्यपाल ने कहा कि डोहकेश्वर धाम के निर्माण से आस्था, संस्कृति और धरोहर का पोषण होगा और इससे यहां धार्मिक पर्यटन तथा आर्थिक गतिविधियां भी बढ़ेंगी। उन्होंने कहा कि भाखड़ा बांध के निर्माण के कारण यह क्षेत्र भी उजड़ गया था और मंदिर पानी में डूब गए थे।
लेकिन, आज यहां पुनः निर्माण कार्य हो रहे हैं और मंदिर पुनर्स्थापित किये जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के दृढ़ संकल्प से आज अयोध्या में राम मंदिर, काशी विश्वनाथ जैसे हमारे आस्था और संस्कृति के प्रतीक केंद्रों का पुनरूद्धार हुआ है।
राज्यपाल ने कहा कि हिमाचल देवभूमि है और यहां के लोगों को भी धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने के लिये प्रयास करने चाहिये। उन्होंने कहा कि डोहकेश्वर धाम में हर व्यक्ति को योगदान देकर इस स्थान को अद्वितीय बनाना चाहिए। उन्होंने कहा कि इस स्थान का प्रचार-प्रसार भी होना जिससे यहां की दिव्यता और बढ़ जाएगी।
बढ़ते नशे की प्रवृत्ति पर अंकुश लगाने के प्रयासों पर बल देते हुए उन्होंनेे कहा कि यदि हम एक व्यक्ति को भी नशे से दूर कर सकेंगे तो यह स्वस्थ समाज की दिशा में हमारा अमूल्य योगदान होगा। उन्होंने ग्रामीण स्तर पर नशामुक्ति के लिये अभियान चलाने का आग्रह करते हुए कहा कि इससे इस देवभूमि की प्रतिष्ठा और बढ़ेगी।
राज्यपाल ने इस अवसर पर मंदिर निर्माण से जुड़े श्रमजीवियों को सम्मानित भी किया।
स्थानीय विधायक जीत राम कटवाल ने राज्यपाल का स्वागत करते हुए कहा कि आज एक नए अध्याय की शुरुआत हुई है और हमारी संस्कृति, सभ्यता व आस्था को पुनर्स्थापित करने का अवसर मिला है। उन्होंने क्षेत्र में किये गए विकास कार्यों की भी जानकारी दी। इससे पूर्व, हरियाणा विद्युत नियामक आयोग के अध्यक्ष नंदलाल शर्मा ने राज्यपाल तथा लेडी गवर्नर को सम्मानित किया।