भाषा, कला और संस्कृति विभाग मंत्री गोविन्द सिंह ठाकुर की अध्यक्षता में आज हिमाचल कला संस्कृति भाषा अकादमी की कार्यकारी परिषद की बैठक आयोजित की गई। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार राज्य की अतुल्य सांस्कृतिक विरासत के संरक्षण और संवर्द्धन के लिए संकल्पबद्ध है। प्रदेश सरकार राज्य की भाषा, कला, संस्कृति और लोक परंपराओं को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान प्रदान करने के लिए प्रयासरत है।
शिक्षा मंत्री ने कहा कि प्रदेश के युवाओं को कला, संस्कृति और लुप्त होती कलाओं और विधाओं का प्रशिक्षण प्रदान किया जा रहा है। प्रदेश के युवाओं को ललित और निष्पादन कलाओं में निपुण बनाया जाएगा और प्रदेश की पारम्पिरिक सांस्कृतिक गतिविधियों को पर्यटन के साथ जोड़ा जाएगा। प्रदेश में गुरू-शिष्य परंपरा को आगे बढ़ाने के लिए राज्य में 6 लोक कला प्रशिक्षण केंद्र संचालित किए जा रहे हैं। जिनमें युवाओं को प्रदेश की पारंपरिक काष्ठ कला, मूर्ति कला और हस्तशिल्प आदि लोक कलाओं का प्रशिक्षण प्रदान किया जा रहा है।
कोरोना महामारी के दौरान भी अकादमी के साहित्य संवाद यू ट्यूब कार्यक्रम के माध्यम से लेखकों, साहित्यकारों और कलाकारों को प्रोत्साहन मिला है। साथ ही इस कार्यक्रम से साहित्य और कला को संरक्षण भी प्राप्त हुआ है। उन्होंने अधिकारियों को अकादमी में रिक्त पड़े पदों को भरने के लिए स्टैंडिंग कमेटी बनाने के निर्देश दिए। अकादमी पुस्तकालय और दुर्लभ पुस्तकों के डिजिटाइजेशन के लिए अब तक लगभग 42 लाख रुपये की राशि व्यय की जा चुकी है।