-
हिमाचल के बद्दी समेत देशभर में बनने वाली 35 एफडीसी दवाओं पर सरकारी प्रतिबंध
-
CDSCO ने राज्यों को निर्देश देकर निर्माण, बिक्री और वितरण रोकने को कहा
-
प्रतिबंधित दवाएं बिना वैज्ञानिक मूल्यांकन के लाइसेंस प्राप्त कर उत्पादन में थीं सक्रिय
Unapproved FDC Drugs India : भारत सरकार ने स्वास्थ्य सुरक्षा को सर्वोपरि मानते हुए 35 निश्चित खुराक संयोजन (FDC) दवाओं के निर्माण, बिक्री और वितरण पर प्रतिबंध लगा दिया है। इस प्रतिबंध का सीधा असर हिमाचल प्रदेश के बद्दी क्षेत्र पर भी पड़ा है, जहां देश की बड़ी फार्मा यूनिट्स इन दवाओं का भारी मात्रा में उत्पादन कर रही थीं।
बद्दी, जिसे भारत का ‘फार्मा हब’ कहा जाता है, वहां पर सैकड़ों दवा कंपनियां स्थापित हैं जो देशभर में सप्लाई के लिए विभिन्न दवाएं तैयार करती हैं। हाल ही में केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (CDSCO) द्वारा यह खुलासा हुआ कि कुछ एफडीसी दवाएं बिना वैज्ञानिक परीक्षण और अनुमोदन के उत्पादन में हैं, जिनका सेहत पर बुरा प्रभाव पड़ सकता है।
प्रतिबंधित दवाओं की पढ़ें पूरी सूची, Click Here
CDSCO ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को पत्र जारी कर यह निर्देश दिया है कि इन गैर-अनुमोदित FDC दवाओं का निर्माण और बिक्री तुरंत बंद की जाए। इसके साथ ही औषधि नियंत्रकों से उनकी लाइसेंसिंग प्रक्रिया की समीक्षा करने को भी कहा गया है।
हिमाचल की बात करें तो यहां बनी कई दर्द निवारक, पोषण संबंधी और मधुमेह रोधी दवाएं इस सूची में शामिल हैं। बद्दी क्षेत्र के कई लघु व मध्यम उद्यम इन दवाओं के उत्पादन पर निर्भर हैं, जिससे अब उनके सामने उत्पादन रोकने और स्टॉक वापस लेने की चुनौती खड़ी हो गई है।
भारतीय औषधि महानियंत्रक (DCGI) डॉ. राजीव रघुवंशी ने कहा कि बिना सुरक्षा मूल्यांकन के दी गई मंजूरियां न केवल अवैध हैं, बल्कि ये जनस्वास्थ्य के लिए गंभीर खतरा भी उत्पन्न करती हैं। उन्होंने जोर देकर कहा कि अधिनियम 1940 और एनडीसीटी नियम 2019 के अनुसार सभी राज्यों में एक समान नियम पालन सुनिश्चित किया जाना चाहिए।
बद्दी में कार्यरत कई फार्मा इकाइयों को अब अपनी उत्पादन लाइनों को पुनर्गठित करना होगा और सभी गैर-अनुमोदित एफडीसी दवाओं का रिकॉर्ड प्रस्तुत करना होगा। इस बीच, राज्य औषधि नियंत्रक विभाग भी केंद्र के निर्देशानुसार कड़ाई से निरीक्षण प्रारंभ कर चुका है।