सरकारी स्कूलों में लगातार घट रही विद्यार्थियों की संख्या एक चिंताजनक विषय है। अभिभावक बच्चों की बेहतर तालीम के लिए सरकारी स्कूलों से प्राइवेट स्कूलों की ओर रूख कर रहे हैं। कुछ सालों से सरकारी स्कूल छोड़ने वाले बच्चों की संख्या काफी अधिक बढ़ी है। इसी को ध्यान में रखते हुए अब सरकारी स्कूलों में भी प्राइवेट स्कूलों की तर्ज पर नर्सरी क्लासिज़ शुरू होने जा रही हैं।
पहले फेज में 25 फीसदी स्कूलों यानी हर ब्लॉक के दो और जिला मुख्यालय के एक स्कूल में यह व्यवस्था की जाएगी। प्रारंभिक निदेशालय ने ऐसे 260 स्कूलों को चिह्नित कर अंतिम मंजूरी के लिए फाइल सरकार को भेज दी है। ऐसा माना जा रहा है कि आचार संहिता हटते ही इसकी अधिसूचना जारी कर दी जाएगी।
सरकारी स्कूलों में नर्सरी की कक्षाएं शुरू करने की इस पहल से स्कूलों में बच्चों की संख्या बढ़ेगी। गौरतलब है कि मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने बीते अगस्त महिने में राज्य सलाहकार परिषद की बैठक में नर्सरी कक्षाएं शुरू करने की घोषणा की थी। प्रारंभिक शिक्षा निदेशक मनमोहन शर्मा ने कहा कि प्रदेश के लिए यह एक नया प्रयोग होगा। यह प्रयोग सफल रहा तो अन्य सरकारी स्कूलों में भी नर्सरी कक्षाएं शुरू की जाएंगी।
उन्होंने बताया कि इस प्रयोग से दो फायदे होंगे, पहला ये की सरकारी स्कूलों में बच्चों की संख्या में इजाफा होगा और दूसरा जब सरकारी स्कूलों में नर्सरी क्लासिस शुरू होंगी तो नए टीचर्स की भर्ती होगी, इससे प्रदेश में रोजगार के अवसर बढ़ेंगे।