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विकास पुरूष जीएस बाली की जयंती पर नगरोटा में मेगा मेडिकल कैंप, 3000 से अधिक लोगों ने उठाया लाभ

➤ विकास पुरूष जीएस बाली की जयंती पर नगरोटा में मेगा मेडिकल कैंप का शुभारंभ
➤ राज्यभर में डायग्नोस्टिक सेवाओं को सुदृढ़ करने पर 207.50 करोड़ रुपये खर्च होंगे
➤ पहले दिन 3000 से अधिक लोगों ने कराया निशुल्क स्वास्थ्य परीक्षण


धर्मशाला, नगरोटा, 26 जुलाई। स्वास्थ्य मंत्री कर्नल धनी राम शांडिल ने शनिवार को नगरोटा में आयोजित दो दिवसीय मेगा मेडिकल कैंप का उद्घाटन किया। यह कैंप विकास पुरुष स्व. जीएस बाली की जयंती के अवसर पर आयोजित किया गया, जिसमें पहले ही दिन 3000 से अधिक लोगों ने निशुल्क स्वास्थ्य जांच करवाई। मंत्री ने इस अवसर पर जानकारी दी कि प्रदेश सरकार द्वारा 606.70 करोड़ रुपये स्वास्थ्य क्षेत्र में खर्च किए जा रहे हैं, जिनमें से 207.50 करोड़ रुपये विशेष रूप से डायग्नोस्टिक सेवाओं को सुदृढ़ करने पर लगाए जाएंगे।

राज्य सरकार की योजना के तहत प्रदेश के सातों मेडिकल कॉलेजों में आधुनिक सीटी इमेजिंग मशीनें, मोबाइल डिजिटल रेडियोग्राफी यूनिट्स, अल्ट्रासाउंड मशीनें, मैमोग्राफी यूनिट और पिक्चर आर्काइविंग एंड कम्युनिकेशन सिस्टम (PACS) जैसी उन्नत सुविधाएं उपलब्ध करवाई जाएंगी। इससे राज्य के स्वास्थ्य संस्थानों की क्षमता बढ़ेगी और स्वस्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता में सुधार होगा।

तकनीकी कोर्सों में सीटें बढ़ाई गईं



सरकार ने IGMC शिमला और डॉ. राजेंद्र प्रसाद मेडिकल कॉलेज टांडा में B.Sc मेडिकल लैब, रेडियोलॉजी, एनेस्थीसिया व OT टेक्नीक कोर्सों की सीटें बढ़ाकर 50 कर दी हैं, जो पहले 10 से 18 तक थीं। इससे प्रदेश के युवाओं को राज्य में ही बेहतर तकनीकी प्रशिक्षण के अवसर मिलेंगे।

मेगा कैंप में व्यापक भागीदारी



कैंप में डॉ. बीएल कपूर हॉस्पिटल दिल्ली, रोटरी आई हॉस्पिटल पालमपुर, फोर्टिस, टांडा मेडिकल कॉलेज, हिमाचल डेंटल कॉलेज सुंदरनगर, IIT दिल्ली और समक्ष संस्था के विशेषज्ञों ने सेवाएं दीं। कैंप में निशुल्क दवाइयां, मेडिकल टेस्ट, चश्मे, श्रवण यंत्र भी वितरित किए गए। रोगियों के लिए खान-पान की व्यवस्था भी निशुल्क रही। कैंप का समापन 27 जुलाई को होगा।

इस अवसर पर पूर्व विधायक सुरेंद्र काकू, एचआरटीसी उपाध्यक्ष अजय वर्मा, अतिरिक्त उपायुक्त विनय कुमार, एसडीएम मुनीश शर्मा, प्रताप रियाड़, मान सिंह, तथा बाल मेला कमेटी के सदस्य भी उपस्थित रहे।  RS बाली ने स्वागत भाषण में कहा कि यह परंपरा पिछले 23 वर्षों से निरंतर जारी है और यह स्व. जीएस बाली के सेवा भाव की जीवंत मिसाल है