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एक विधायक या मंत्री को कैसे काम करना चाहिए? जीएस बाली ने गढ़ी थी मिसाल

डेस्क |

हिमाचल प्रदेश ने पिछले कुछ दशकों में विकास के मामले में पूरे देश के सामने मिसाल कायम की है। खाद्यान से लेकर शिक्षा और परिवहन क्षेत्र में हिमाचल की अगृणि राज्यों में गिनती की जाती है। लेकिन इन विभागों के ऊपर एक नजर डालने पर पता चलेगा कि इन विभागों में सुधार लाने वाले और कोई नहीं बल्कि कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जीएस बाली थे। ये जीएस बाली की दूर दृष्टी थी कि कभी घाटे में चलने वाली HRTC ना सिर्फ हर गांव जक पहुंची बल्कि प्रदेश सरकार को फायदा भी देने लगी।

ये जीएस बाली ही थे जिन्होंने HRTC के बेड़े को दोगुना कर 1800 के पार पहुंचा दिया। एक तरफ टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए जहां लग्जरी वॉल्वो बसें शुरू की गईं तो वहीं दूसरी ओर JNNURM की नीली बसें लाई गईं। लोगों को सफर करना भारी न पड़े इसके लिए येलो कार्ड और ग्रीन कार्ड पर छूट का प्रावधान किया गया। उनका दृष्टीकोण इतना बड़ा था कि हिमाचल में वाटर ट्रांसपोर्ट की तैयारी तक शुरू कर दी थी। इस प्रोजेक्ट के लिए नितिन गडकरी के साथ मसौदा भी बना लिया था।

जिस तरह जीएस बाली को परिवाहन की महत्वता पता थी उसी तरह शिक्षा का ज्ञान भी था। तकनीकी शिक्षा विभाग संभालते हुए उन्होंने 3 इंजीनयरिंग कॉलेज, 40 ITI, 5 पॉलिटेक्निक और 2 फार्मा कॉलेज खोले। लेकिन उनकी सबसे बड़ी उपलब्धि नारी शक्ति की विकास में भागीदारी को समझने में थी। कामगार महिलाओं पर ज्यादा बोझ न पड़े इसलिए महिलाओं के लिए HRTC बसों में 25 फीसदी छूट की गई। उन्हें समाज में पुरुषों के बराबर देखा जाए इसके लिए बतौर सिविल suply minister उन्होंने smart rashan card banaya जिसे मुख्यता महिलाओं के नाम पर दर्ज किया गया। उनका प्रगति रथ यही नहीं रुका, अपने विभागों में एक के बाद एक बम्पर भर्तियां कीं। इसलिए ही तो उन्हें हमेशा ही नौकरियों वाले मंत्री के तौर पर प्रदेश में जाना जाएगा।

अगर आप कभी कांगड़ा के नगरोटा आते हैं तो इस पहाड़ी क्षेत्र में आपको वो सारी सुविधांए देखने को मिलेंगी जो कि एक बड़े शहर में होती हैं। ये सारी सुविधाएं आपको 20 किलोमीटर के अंदर उपलब्ध हैं। लेकिन 25 साल पहले यही नगरोटा प्रदेश के पिछड़े इलाकों में आता था। जबसे पूर्व मंत्री जीएस बाली ने इस विधानसभा की कमान संभाली इस क्षेत्र का नक्शा ही बदल गया।

शुरुआत हुई राजेंद्र प्रसाद मेडिकल कॉलेज से। उस समय पूरे प्रदेश में सिर्फ एक मात्र ही मेडिकल कॉलेज था। विधायक बनने से पहले ही उन्होंने अपने संघर्ष से मेडिकल कॉलेज को नगरोटा और कांगडा जिला की झोली में डाल दिया। अभी तो काम शुरू हुआ था। विधायक बनते जीएस बाली ने नगरोटा का ऐसा कायाकल्प किया कि ये विधानसभा क्षेत्र मॉडल की तरह बन कर उबरा। देखते ही देखते यहीं पर पोस्ट ग्रेजुएट डिगरी कॉलेज, इंजिनियरिंग कॉलेज यहां पर खुले। इतनी जनसंख्या होने के बावजूद यहां के लोगों को कागजी काम करवाने के लिए कांगड़ा जाना पड़ता था।

जीएस बाली ने इस समस्या से भी लोगों को निजात दिलाया। उन्होंने नगरोटा को जल्द ही तहसील में तबदील कर दिया। और तो और यंहा पर HRTC का बसा अड्डा और डिपो का भी निर्माण करवाया। जीएस बाली की इसी कार्यशाली के चलते नगरोटा में रोजगार दिन-प्रतिदिन बढ़ता ही चला गया। आज अगर नगरोटा के मॉडल को पूरे प्रदेश में अपनाया जा रहा है तो इसमें जीएस बाली का सबसे बड़ा हाथ है। एक विधायक को किस तरह अपनी विधानसभा में काम करना चाहिए ये जीएस बाली ने बखूबी करके दिखाया है। उम्मीद है नगरोटा और प्रदेश को आगे भी उन जैसा नेतृत्व मिलता रहे।