<p>प्रदेश में पहली बार पौंग डैम में आने वाले विदेशी मेहमानों के स्वागत के लिए पक्षी मेले का आयोजन किया जा रहा है। दो दिन तक चलने वाले इस मेले का उदघाटन प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर करेगें। मेले के आयोजन के लिए वन्य प्राणी विभाग ने कमर कस ली है। ऐसा माना जा रहा है कि इस माह के अंत तक विदेशी मेहमानों के आने का क्रम लगभग खत्म हो जाता है, ऐसे में सभी पक्षियों के आने के बाद मेले का आयोजन किया जाएगा।</p>
<p>बतातें चलें कि इस बार अब तक एक लाख विदेशी पक्षियों ने पौंग एरिया में डेरा डाल दिया है। पिछली बार इस समय तक इनकी 80 हजार के करीब ही संख्या थी, इस बार करीब बीस हजार पक्षियों की संख्या बढ़ गई है। गत वर्ष इन पक्षियों की कुल संख्या 1,15,229 थी। इनमें 102 प्रजातियां शामिल थी। इनमें एक लाख चार हजार वापस चले गए और 10,231 ने यही डेरा डाल लिया। 768 ऐसे पक्षी थे, जो यही के रहने वाले है।</p>
<p><span style=”color:#c0392b”><strong>मेले में इन सब चीजों का होगा आयोजन</strong></span></p>
<p>इस मेले का आयोजन खासतौर पर इस क्षेत्र को प्रमोट करने के उदेश्य से किया जा रहा है। पहली बार आयोजित किए जा रहे मेले में लोगों के आने जाने के लिए फ्री इंट्री रखी गई है। आमतौर पर दस से 15 रूपए की इंट्री ली जाती है। इसके अलावा पक्षियों के बारे में विस्तार से जानकारी भी दी जाएगी ताकि लोग पक्षियों के बारे में जान सकें और भविष्य में उन्हें कोई नुकसान न पहुंचा सके। इसके लिए बाहरी प्रदेशों से एक्सपर्ट की टीम भी बुलाई गई है। इसके अलावा सांस्कृतिक कार्यक्रम भी आयोजित किए जाएगें। पक्षियों को विशेषतौर पर टैग भी किया जाएगा ताकि उनके दौवारा आने पर पचिान किया जा सके। इसके अलावा किस देया से आने की भी पहचान की जा सकेगी। वर्तमान में पक्षियों की निगरानी करने के लिए फायर वाचर सहित 20 से 25 एंटी पोचर्स भी तैनात किए गए है। मेले में विभिन्न विभागों द्वारा प्रदशनियां भी लगाई जाएगी।</p>
<p><span style=”color:#c0392b”><strong>ये प्रजातियां कर रही आकर्षित</strong></span></p>
<p>वैसे तो करीब सौ प्रजातियों के पक्षियों ने यहां डेरा डाला हुआ है, लेकिन इनमें कुछेक प्रजातियां आने वाले लोगों को खासी आकर्षित कर रही है। इनमें बारहैडड गीज, नार्थन पिंटेल, यूरेशियन कूट, गनस, एवं कारमोनेंट शामिल है। आगे इन्ही प्रजातियों में के पक्षी शामिल है। इन देशों से आते है यहां पक्षी पौंग डैम में अधिकांश तौर पर विदेशो से ही पक्षी आते है, जो लगभग फरवरी एवं मार्च माह तक यहां रह कर वापस चले जाते है। ये पक्षी चायना, साईबेरिया, एवं मंगोलिया से ज्यादा आते है। इनमें से करीब 15 से 20 हजार तक के पक्षी वापस ही नहीं गए और उन्होंने यहीं पर अपना डेरा जमा लिया है। विभाग वाकायदा उनकी सारा साल देखभाल भी करता है। वन्य प्राणी विभाग के डीएफओ राहुल एम रोहन ने बताया कि मेले का आयोजन पहली बार ही किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि अभी तक मेले का उदघाटन मुख्यमंत्री ही करेगें। इसके लिए उनसे समय लिया जा रहा है।</p>
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