Categories: हिमाचल

हमीरपुर: भूपल में सुमन शर्मा के घर खिला ब्रह्मकमल फूल, भगवान शिव को किया अर्पित

<p>अपने औषधीय गुणों और देवी शक्तियां के लिए प्रसिद्ध ब्रह्म कमल फूल हमीरपुर ज़िला के भूंपल के नजदीक पुखरानी गांव में देर रात्रि खिला। ब्रह्म कमल के खिलने के पश्चात सुमन शर्मा के घर गांव वासियों और रिश्तेदारों का हुजूम उमड़ पड़ा। अपने विभिन्न गुणों के लिए प्रसिद्ध यह ब्रह्म कमल उत्तराखंड का राजकीय पुष्प भी है। सुमन शर्मा ने बताया यह उनका सौभाग्य है कि यह दुर्लभ पुष्प जोकि देवाधिदेव भगवान शिव का भी प्रिय पुष्प है, उनके घर में खिला है । उन्होंने देर रात्रि इस पुष्प को अपने परिजनों के साथ भगवान शिव को अर्पित किया।</p>

<p>ब्रह्म कमल फूल एक अद्भुत फूल है। यह वर्ष में एक बार ही उगते हैं। अगस्त और सितंबर में इसके फूल खिलते हैं और वह भी 4 या 5 घंटे के लिए। अधिकतर यह हिमालय के राज्यों में ही पाया जाता है परंतु आजकल लोग इसे घर में अपने गमले में भी उगाने लगे हैं। ब्रह्म कमल खासकर उत्तराखंड राज्य का पुष्प है। यहां पर इनके पुष्पों की खेती भी होती है। उत्तराखंड में यह विशेषतौर पर पिण्डारी से लेकर चिफला, रूपकुंड, हेमकुण्ड, ब्रजगंगा, फूलों की घाटी, केदारनाथ तक पाया जाता है। भारत के अन्य भागों में इसे और भी कई नामों से पुकारा जाता है जैसे- हिमाचल में दूधाफूल, कश्मीर में गलगल और उत्तर-पश्चिमी भारत में बरगनडटोगेस। साल में एक बार खिलने वाले गुल बकावली को भी कई बार भ्रमवश ब्रह्मकमल मान लिया जाता है।<br />
&nbsp;<br />
<span style=”color:#e74c3c”><strong>औषधीय गुणों के लिए है प्रसिद्ध :&nbsp;</strong></span></p>

<p>माना जाता है कि इसकी पंखुड़ियों से अमृत की बूंदें टपकती हैं। इससे निकलने वाले पानी को पीने से थकान मिट जाती है। इससे पुरानी (काली) खांसी का भी इलाज किया जाता है। इससे कैंसर सहित कई खतरनाक बीमारियों का इलाज होता है। यह तालों या पानी के पास नहीं बल्कि ज़मीन में उगता है। ब्रह्म कमल को ससोरिया ओबिलाटा भी कहते हैं। इसका वानस्पतिक नाम एपीथायलम ओक्सीपेटालम है। इसमें कई एक औषधीय गुण होते हैं। चिकित्सकीय प्रयोग में इस फूल के लगभग 174 फार्मुलेशनस पाए गए हैं। वनस्पति विज्ञानियों ने इस दुर्लभ-मादक फूल की 31 प्रजातियां पाई जाती हैं।</p>

<p><span style=”color:#c0392b”><strong>ब्रह्म कमल की उत्पत्ति :&nbsp;</strong></span></p>

<p>पौराणिक मान्यता है कि ब्रह्मकमल भगवान शिव का सबसे प्रिय पुष्प है। केदारनाथ और बद्रीनाथ के मंदिरों में ब्रह्म कमल ही प्रतिमाओं पर चढ़ाए जाते हैं। किवदंति है कि जब भगवान विष्णु हिमालय क्षेत्र में आए तो उन्होंने भोलेनाथ को 1000 ब्रह्म कमल चढ़ाए, जिनमें से एक पुष्प कम हो गया था। तब विष्णु भगवान ने पुष्प के रुप में अपनी एक आंख भोलेनाथ को समर्पित कर दी थी। तभी से भोलेनाथ का एक नाम कमलेश्वर और विष्णु भगवान का नाम कमल नयन पड़ा। हिमालय क्षेत्र में इन दिनों जगह-जगह ब्रह्म कमल खिलने शुरु हो गए हैं।…इसलिए कहा जाता है कि ब्रह्म कमल का फूल विशेष दिनों में केदारनाथ में चढ़ाने से शिवजी प्रसन्न होकर जातक की मनोकामना पूर्ण करते हैं।</p>

<p>फूल भगवान ब्रह्मा का प्रतिरूप माना जाता है और इसके खिलने पर विष्णु भगवान की शैय्या दिखाई देती है। यह मां नन्दादेवी का भी प्रिय पुष्प है। इसे नन्दाष्टमी के समय में तोड़ा जाता है और इसके तोड़ने के भी सख्त नियम होते हैं जिनका पालन किया जाना अनिवार्य होता है। इससे बुरी आत्माओं को भगाया जाता है।</p>

Samachar First

Recent Posts

नवाचार को बढ़ावा दे रहा एटीसी शाहपुर

नवीन तकनीक और प्रौद्योगिकी से आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ रहे कदम Kangra:  उपयुक्त प्रौद्योगिकी केन्द्र…

6 hours ago

हिमाचल में कांस्टेबल भर्ती: निगेटिव मार्किंग के साथ फिजिकल और लिखित परीक्षा में कड़ी शर्तें, विस्‍तार से जानें

Himachal:  हिमाचल प्रदेश में होने जा रही विशेष पुलिस कांस्टेबल भर्ती की लिखित परीक्षा में…

7 hours ago

हिमाचल प्रदेश में तीन हादसों में दो की मौत, दो घायल

मंडी में करंट लगने से युवक की मौत कुल्लू में वोल्वो बस और कार की…

7 hours ago

Dharamshala News: महिला वर्ग में साधना व पुरुष वर्ग में अनीश रहे पहले स्थान पर

Mini Marathon Held in Dharamshala: वन्य प्राणी सप्ताह के अंतर्गत आज रविवार को धर्मशाला में…

8 hours ago

Mandi News: पुरुष वर्ग में बल्ह के 23 वर्षीय आशुतोष ने 18 मिनट में मैराथन पूरी कर बनाया रिकॉर्ड

  Mini Marathon Mandi: वन विभाग द्वारा 73वें वन्य सप्ताह के अंतर्गत रविवार को एक…

10 hours ago

Hamirpur News: आयुर्वेदिक अस्पताल में जल्द शुरू होगी टेलीमेडिसिन ओपीडी, मरीजों को घर बैठे मिलेगी चिकित्सा सुविधा

  Ayurvedic hospital telemedicine services: जिला आयुर्वेदिक अस्पताल हमीरपुर में जल्द ही टेलीमेडिसिन ओपीडी की…

10 hours ago