प्रदेश सरकार हिमाचल में लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा देने के बड़े-बड़े दावे करती है लेकिन सरकार के ये दावे खोखले साबित होते नजर आ रहे हैं। जब तक अस्पतालों में डॉक्टर और बाकि की स्वास्थय सुविधाएं ही न मिल पाएं तो लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा कैसे मिल पाएगी। ऐसा ही कुछ नजारा हमीरपुर में देखने को मिल रहा है। जहां सरकार ने नाम के लिए मेडिकल कॉलेज तो बना दिया पर यहां डॉक्टर भी सरपल्स हैं और बाकि की स्वास्थ्य सुविधाएं भी नाम की हैं। अस्पताल में एसआरएल कंपनी की लैब भी पिछले 4 दिनों से तकनीकी समस्या के कारण नहीं चल रही। इसके चलते यहां पर किसी भी प्रकार का टेस्ट नहीं हो पा रहे और जो अस्पताल की लैब है उसमें भी कुछ ही टेस्ट होते हैं जिस कारण यहां मरीजों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
अस्पताल में जब भी कोई टीम निरीक्षण करने के लिए आती है तो टांडा अस्पताल से कुछ सरपल्स डॉक्टर बुलाए जाते हैं। इस बारे में जब चिकित्सा अधिकारी अनिल कुमार वर्मा से बात की गई तो उन्होंने बताया कि यहां जो एमएससी की नियुक्तियां करते हैं वे एमसीआई द्वारा की जाती हैं। उन्होंने बताया कि यहां डॉक्टरों की कमी नहीं है पर टांडा और हमीरपुर में सरपल्स डॉक्टर जरूरत के अनुसार अपनी ड्यूटी देते हैं। उन्होंने बताया कि यहां एसआरएल लैब में तकनीकी समस्या के कारण टेस्ट नहीं हो पा रहे हैं जल्द ही इस समस्या का हल किया जाएगा।