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सीएम के गृहजिला हमीरपुर में कांग्रेस की हार, नगर परिषद अध्यक्ष की कुर्सी गई

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  • हमीरपुर नगर परिषद अध्यक्ष मनोज मिन्हास को नो-कॉन्फिडेंस मोशन के तहत वोटिंग कर हटाया गया

  • हाई कोर्ट के निर्देश पर हुई बैठक में 7 पार्षदों ने अध्यक्ष के खिलाफ और 4 ने पक्ष में वोट डाले

  • हमीरपुर नगर परिषद में नए अध्यक्ष के चयन की प्रक्रिया जल्द होगी


Hamirpur Municipal Council no-confidence vote: हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के गृह जिला हमीरपुर में कांग्रेस को बड़ा झटका लगा है। यहां कांग्रेस समर्थित नगर परिषद अध्यक्ष मनोज मिन्हास को हाई कोर्ट के निर्देश पर बुलाई गई नो-कॉन्फिडेंस मोशन बैठक के दौरान वोटिंग के बाद अध्यक्ष पद से हटा दिया गया।

नगर परिषद की इस महत्वपूर्ण बैठक में 11 में से 7 पार्षदों ने मनोज मिन्हास के खिलाफ और 4 पार्षदों ने उनके पक्ष में वोट दिया। इस प्रकार, मनोज मिन्हास को अध्यक्ष पद से हटाने का निर्णय लिया गया। गौरतलब है कि इससे पहले मनोज मिन्हास ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया था, लेकिन उनका इस्तीफा स्वीकार नहीं किया गया था, जिसके चलते वोटिंग की प्रक्रिया अपनाई गई।

इस घटना की पृष्ठभूमि मई 2024 में शुरू हुई थी, जब विधानसभा उपचुनाव से पहले भाजपा समर्थित पार्षदों ने डीसी हमीरपुर को मनोज मिन्हास के खिलाफ नो-कॉन्फिडेंस मोशन सौंपा था। हालांकि, उपचुनाव के चलते यह प्रक्रिया लंबित रही। बाद में इस मामले को हाई कोर्ट ले जाया गया, जहां से तुरंत नो-कॉन्फिडेंस मोशन पर कार्रवाई का आदेश दिया गया।

हमीरपुर नगर परिषद में कुल 11 पार्षद हैं, जिनमें से 9 भाजपा समर्थित और 2 कांग्रेस समर्थित पार्षद साढ़े तीन साल पहले चुने गए थे। भाजपा के समर्थन से अध्यक्ष बने मनोज मिन्हास और वार्ड नंबर-2 के पार्षद राज कुमार बाद में कांग्रेस में शामिल हो गए थे।

अब नगर परिषद में नए अध्यक्ष के चयन की प्रक्रिया शुरू होगी। यदि चुनाव के दौरान वोटिंग होती है, तो स्थानीय विधायक आशीष शर्मा को भी वोट डालने का अधिकार होगा। कांग्रेस सरकार के नए नियमों के तहत यह प्रावधान किया गया है।