एनीमिया मुक्त हिमाचल बनाने के लिए स्वास्थ्य विभाग, एनएचएम और महिला एवं बाल स्वास्थ्य विभाग ने मिलकर पोषण अभियान शुरू किया है। अब डॉक्टर खुद घर आकर आपके एनीमिया की जांच करेंगे, यदि खून की कमी हुई तो इसका इलाज भी किया जाएगा।
अभियान का मुख्य उद्देश्य है कि ग्रामीण स्तर पर जिन महिलाओं को एनीमिया की जानकारी नहीं है वे भी इसके प्रति जागरूक होंगीं। विभाग ने महिलाओं के हिमोगलोबिन जांच का जिम्मा सीएमओ को सौंपा है। जांच करने के लिए तकनिशियन, हैल्थ वर्कर सहित सुपरवाईजर मौजूद रहेगें। एनीमिया से पीड़ितों की संख्या में बढ़ोतरी हो रही है।
ऐसे में बीमारी पर काबू पाने के लिए विभाग ने कदम उठाने शुरू कर दिए है। खून में आयरन की कमी से हीमोग्लोबिन की कमी हो जाती है जिसे एनीमिया कहते हैं। यह बीमारी पुरुषों की अपेक्षा महिलाओं में ज्यादा देखी जाती है। हीमोग्लोबिन कम होने से शरीर में ऑक्सीजन की कमी होने लगती है और शरीर को पर्याप्त ऊर्जा नहीं मिल पाती।
लोग एनीमिया को कोई बड़ी बीमारी नहीं मानते और इसे अनदेखा करते जाते हैं, लेकिन इस बीमारी से जान भी जा सकती है। चिकित्सकों द्वारा तर्क दिया जा रहा है कि एनीमिया का कोई भी लक्षण लगातार कुछ दिनों से दिखाई दे रहा हो तो डॉक्टर को दिखाएं और हीमोग्लोबिन की जांच करवाएं।