प्रदेश सरकार स्वास्थ्य सुविधाओं को लेकर बड़े बड़े दावे पेश करती है। लेकिन धरातल पर सरकार के ये दावे फेल साबित हो रहे हैं। सरकार के दावों की पोल केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर के गृह जिला हमीरपुर मेडिकल कॉलेज में खुलती नजर आ रही है। मेडिकल कॉलेज हमीरपुर में इन दिनों मरीजों को छोटी-छोटी मूलभूत सुविधाओं से दो चार होना पड़ रहा है। आलम ये है कि हमीरपुर मेडिकल कॉलेज में मरीज टूटी व्हीलचेयर पर बैठने को मजबूर हैं। व्हीलचेयर के पहिये तक टूट चुके हैं, कुछ व्हीलचेयर को तो रसियों से बांधकर जोड़ा गया है।
बता दें कि मेडिकल कॉलेज हमीरपुर में सैंकड़ों की संख्या में मरीज इलाज करवाने करवाने आते हैं। लेकिन सबसे ज्यादा परेशानी उन मरीजों को पेश आती है जो चलने फिरने में असमर्थ हैं। क्योंकि मेडिकल कॉलेज में व्हीलचेयर टूटी फूटी हैं। जिस कारण मरीजों को एक जगह से दूसरी जगह पर इलाज करवाने के लिए परेशानी तिमारदारों को उठानी पड़ती है। अस्पताल में स्ट्रेचर की हालत भी ठीक नहीं है। स्ट्रेचर भी जंग खा चुके हैं। यहां तक की अस्पताल में बैठने के लिए रखी गईं कुर्सियां भी टूट चुकी हैं।
हमीरपुर मेडिकल कॉलेज में इलाज करवाने पहुंचे मरीजों का कहना है कि अस्पताल में व्हीलचेयर और स्ट्रेचर टूटे फूटे हैं जिस कारण काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है। लोगों ने मेडिकल कॉलेज प्रशासन से गुहार लगाई है कि अस्पताल में नए स्ट्रेचर और व्हीलचेयर उपलब्ध करवाई जाएं ताकि मरीजों को सुविधा मिल सके।
इस बारे में हमीरपुर मेडिकल कॉलेज के एमएस रमेश चौहान ने भी माना कि अस्पताल में व्हीलचेयर और स्ट्रेचर टूटे हुए हैं। जिस कारण मरीजों को परेशानी उठानी पड़ रही है। उन्होंने कहा कि हमीरपुर मेडिकल कॉलेज में जल्द ही नई व्हीलचेयर और स्ट्रेचर उपलब्ध करवा दिए जायेंगे।