<p>बजट सत्र के दौरान प्रश्नकाल के बाद स्वास्थ्य मंत्री विपिन परमार ने प्रदेश में बढ़ते स्वाइन फ़्लू पर जनवरी से फरवरी 2019 तक के आंकड़ों पर वक्तव्य दिया। उन्होंने बताया कि 2009 में स्वाइन फ़्लू पहली बार फैला था। स्वाइन फ़्लू के लक्षण भी सर्दी की तरह होते हैं। हिमाचल में शक के आधार पर 329 लोगों की अभी तक जांच की गई। हिमाचल में 113 मामले सामने आए है। आईजीएमसी में 21 मामले और टांडा में 13 मरीज सामने आए हैं। 16 लोगों की मौत स्वाइन फ्लू से अभी तक हुई है और 300 से ज़्यादा लोग ठीक हो चुके हैं।</p>
<p>विपिन परमार ने कहा कि स्वाइन फ्लू सर्दियों के मौसम में फैलता है। इसकी दवाई टेमी फ़्लू प्रदेश के सभी अस्पतालों में मौजूद है। 2015 में सीने फ्लू से 27 की मौत हुई, 2016 में 5, 2017 में 15 लोगों की मौत हुई जबकि 2018 में दो की मौत हुई थी। जबकि इस साल ये आंकड़ा 16 पहुंच गया है। स्वाइन फ्लू की जांच शिमला, टांडा और कसौली में हो रही है। सरकार इसको लेकर पूरी तरह सतर्क है।</p>
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