हिमाचल उच्च न्यायालय ने शिमला में पेयजल संकट को लेकर राज्य सरकार और शिमला नगर निगम को हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया है। हाईकोर्ट ने कहा है कि शहर में जल संकट के मुद्दे को हल करने के लिए अधिकारियों ने किस व्यवस्था को अपनाया है।
कोर्ट ने शिमला में जल संकट के लिए जिम्मेदार कर्मचारियों और अधिकारियों पर अभी तक कार्रवाई न होने पर हिमाचल हाईकोर्ट ने नाराजगी जताई है। सोमवार को स्कूलों में गर्मियों की छुट्टियां खत्म होने के बाद शहर की जलापूर्ति को लेकर हुई सुनवाई में हाईकोर्ट ने मुख्य सचिव और शिमला नगर निगम आयुक्त के शपथपत्रों पर भी सवाल उठाए।
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हालांकि, कोर्ट की टिप्पणी के बाद नगर निगम ने आश्वस्त किया कि दोषियों के खिलाफ एक सप्ताह के भीतर कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। मामले की आगामी सुनवाई 18 जून को होगी।
कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश संजय करोल एवं न्यायाधीश अजय मोहन गोयल की खंडपीठ ने पाया कि मुख्य सचिव और निगम आयुक्त के शपथपत्र में यह नहीं बताया गया है कि जिन दोषी कर्मचारियों और अधिकारियों की लापरवाही से शिमला में जल संकट पैदा हुआ, उनके खिलाफ क्या कार्यवाई की गई है। कोर्ट ने मुख्य सचिव को आदेश दिए कि वह इस बाबत एक सप्ताह में शपथपत्र दायर करें।