हिमाचल हाईकोर्ट ने राज्य लोक सोवा आयोग के पूर्व अध्यक्ष केएस तोमर को राज्य मानवाधिकार आयोग के सदस्य के रूप में नियुक्ति को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई 4 दिसंबर तक स्थगित कर दी है। इस याचिका में ये आरोप लगाया गया था कि आयोग के सदस्य के रूप में तोमर की नियुक्ति अधिकारियों ने भारतीय संविधान के तमाम सिद्धातों को ताक में रखकर की है। स्थानीय अधिवक्ता परेश शर्मा ने ये याचिका हाईकोर्ट में दायर की थी।
कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश संजय करोल की अध्यक्षता वाली खंडपीठ के समक्ष इस मामले पर सुनवाई हुई। प्रदेश के मुख्य सचिव की ओर से दायर शपथ पत्र में कोर्ट को बताया गया कि राज्य मानवाधिकार आयोग के गठन संबंधित रिकॉर्ड राज्यपाल के विचाराधीन सौंपा गया है। रिकॉर्ड के अभाव में वह इस मामले में कोर्ट को वास्तविक स्थिति से अवगत करवाने में असमर्थ है।
याचिका में यह भी उल्लेख किया गया था कि तोमर राज्य लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष थे और अनुच्छेद 319 के अनुसार, उनके नाम को मानव अधिकार आयोग के सदस्य के पद पर नहीं माना जा सकता है।