जिला कुल्लू में मौसम साफ हो गया है, लेकिन जिला की जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। पुरातन गांव मलाणा चार फुट बर्फ में कैद हो गया है। मलाणा के लोगों ने तीन दिनों बाद शनिवार को बर्फ के बीच धूप का आनंद लिया। घरों के बरामदे में बर्फ के ढेर लगे हुए हैं। मलाणा की करीब 2600 के आबादी वाले इस गांव के लोगों को राशन व पानी के किल्लत से जूझना पड़ रहा है। पानी के लिए लोगों को प्राकृतिक स्रोत तक चार फुट बर्फ में जाना पड़ रहा है। बत्ती पूरी तरह से गुल हो गई है।
मलाणा के साथ-साथ मणिकर्ण घाटी के कई गांव बर्फ में कैद हो गए हैं। मलाणा गांव में पिछले तीन दिनों से बत्ती गुल हो गई है। इसके साथ-साथ पुंथल पंचायत के गांवों में भी कई जगह पोल टूट जाने से बिजली आपूर्ति ठप हो गई है। इसके अलावा मणिकर्ण और कसोल पंचायत की हालत भी यूं ही है।
वहीं, हवाई, शियाह, नीणू, आशणी आदि गड़सा घाटी के कई गांवों में बर्फबारी की भेंट बिजली के पोल टूट गए हैं। ग्रामीणों ने बिजली बोर्ड से एक-दो दिनों के भीतर बिजली बहाली की मांग की है। बता दें कि मणिकर्ण घाटी में तीन दिनों बाद फागली उत्सव शुरू होने वाला है। घाटी के गांवों में मेहमानवाजी का दौर चलता है।
ऐसे में यहां के ग्रामीणों ने बिजली बोर्ड से जल्द से जल्द बिजली लाइनों को दुरुस्त करने की मांग की है। वहीं, बिजली न होने से लोगों का संपर्क भी एक-दूसरे से कट गया है। मोबाइल फोन की बैटरी खत्म होने से फोन बंद पड़े हुए हैं। लिहाजा, मणिकर्ण, गड़सा, ऊझी और लगघाटी के कई गांवों में बत्ती गुल हो गई है। वहीं कई ग्रामीण बस रूट भी ठप हो गए हैं।