कांगड़ा केंद्रीय सहकारी बैंक के नए निदेशक मंडल के होने वाले चुनाव पर हिमाचल हाईकोर्ट ने रोक लगा दी। अतिरिक्त पंजीयक सहकारी संस्थाएं की ओर से रविवार को चुनाव का कार्यक्रम घोषित किया गया था।
केसीसी बैंक के निलंबित चेयरमैन जगदीश सिपहिया की याचिका पर बुधवार को सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने यह स्टे लगाया है।
गौर रहे कि बैंक में कथित अनियमितताओं के आधार पर अप्रैल 2018 में प्रदेश सरकार ने केसीसी बैंक के निदेशक मंडल को सस्पेंड कर दिया था। इसके चार माह बाद सरकार ने निदेशक मंडल को सस्पेंड करने के आदेश वापस ले लिए। इस आदेश के चंद घंटों बाद ही सरकार ने फिर से निदेशक मंडल को निलंबित कर दिया।
नए निदेशक मंडल के चुनाव का कार्यक्रम घोषित कर दिया। हाईकोर्ट ने इसके लिए प्रदेश सरकार को फटकार लगाई और कहा कि कोर्ट को ही गुमराह किया जा रहा है।
सिपहिया की पैरवी कर रहे वकील अजय शर्मा ने बताया कि हाईकोर्ट ने कहा कि जब तक केस का फैसला नहीं होता, तब तक चुनाव नहीं करवाए जाएं। एक्ट में प्रावधान है कि निलंबन का जितना समय बीता उतना समय का कार्यकाल फिर से पीड़ित को मिलना चाहिए।
इसलिए हमने हाईकोर्ट में मांग रखी है कि पीड़ित पक्ष को फिर से अपने पद पर काम करने के लिए चार माह का समय दिया जाए और तब तक चुनाव नहीं होने चाहिएं। हमने हाईकोर्ट में यह भी कहा है कि सरकार की ओर से जारी कारण बताओ नोटिस गलत है। इसे खत्म किया जाना चाहिए।