हिमाचल प्रदेश के जिला मंडी के बल्ह विधानसभा क्षेत्र में दूल्हा घोड़ी की बजाय व्हील चेयर पर बैठ बारात लेकर आया था बारात का स्वागत भी जोरदार हुआ। आपको बता दें कि सोमवार को हुए एक प्रेम विवाह ने सबका ध्यान अपनी ओर खींचा है। करीब 10 साल पहले लड़की को 12वीं कक्षा में पढ़ते हुए व्हील चेयर पर आने वाले साथी छात्र का व्यवहार ऐसा भाया कि उसने मन ही मन उसके साथ विवाह करने की ठान ली। यह प्रेम 10 साल तक चला और सोमवार को विवाह के होते ही परवान चढ़ गया।
दूल्हे की दिव्यांगता का लड़की पर कोई असर नहीं था। बल्ह विधानसभा क्षेत्र के सिद्धयाणी में हुए इस विवाह में लड़का चलने से मोहताज है, जबकि दुल्हन पूरी तरह से सामान्य है। दोनों ने 12वीं की पढ़ाई पूरी करने के बाद अलग-अलग जगहों पर स्नातक की पढ़ाई पूरी की। व्हील चेयर पर बैठकर लड़के ने सिविल में बीटेक और लड़की ने मंडी कॉलेज से राजनीतिक शास्त्र में एमए की ।
सिद्धयाणी पंचायत के भावत गांव के पुष्पराज 2010 में लेदा के समीप हुए एक सड़क हादसे में गंभीर रुप से घायल हो गए। हादसे में उनके छोटे भाई सहित करीब 40 लोगों की मौत हो गई थी। उस समय वह नौवीं कक्षा में पढ़ते थे। गंभीर अवस्था में उन्हें आइजीएमसी ले जाया गया, जहां उनकी स्पाइन सर्जरी हुई । वर्तमान में भी उनका आइजीएमसी उपचार चल रहा है। पिता नरोत्तम दास जवाहर लाल नेहरू राजकीय इंजीनियरिंग संस्थान (जेएनजीईसी) में आउटसोर्स पर चपरासी के पद पर कार्यरत हैं। वहीं, चढ़ी गांव की हिमा देवी के पिता नोता राम लोक निर्माण विभाग में लेबर का काम करते हैं।
हिमा ने जब माता-पिता को अपनी पसंद और पूरे घटनाक्रम से अवगत करवाया तो बेटी की पसंद को उन्होंने स्वीकार किया। लड़की के परिजनों ने विवाह खूब धूमधाम से किया। उन्होंने गांव में रिश्तेदारों को निमंत्रण भेज कर विवाह में शिरकत करने का न्योता दिया । इस दौरान किसी को भी यह नहीं बताया गया था कि दूल्हा दिव्यांग है। लेकिन जैसे ही फेरों का समय आया और दूल्हे को बुलाया गया तो उसे बैसाखियों के सहारे आता देख सब हैरान रह गए।