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हिमाचल में स्पेशल पैकेज पूरे प्रदेश में लागू, 400 नर्स की भर्ती और 1000 ई-टैक्सी को मंजूरी

पूरे प्रदेश में स्पेशल पैकेज लागू
क्षतिग्रस्त मकानों को राहत राशि जारी
1000 टैक्सियां इलेक्ट्रिक में बदलेंगी


शिमला। हिमाचल प्रदेश में मानसून आपदा से प्रभावित परिवारों के लिए एक बड़ी राहत सामने आई है। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की अध्यक्षता में शनिवार को हुई कैबिनेट बैठक में फैसला लिया गया कि स्पेशल पैकेज का दायरा अब पूरे प्रदेश में लागू होगा। पहले यह राहत सिर्फ मंडी जिला तक सीमित थी, जहां आपदा का सबसे अधिक प्रभाव रहा है। लेकिन हजारों पीड़ित परिवारों की कठिनाइयों को देखते हुए अब किसी भी जिले में जिन लोगों के मकान पूर्णतः क्षतिग्रस्त हुए हैं, उन्हें 4 लाख रुपए की पहली किश्त जारी की जाएगी।

वहीं जिन मकानों को आंशिक नुकसान पहुंचा है, उन्हें 1.5 लाख रुपए की आर्थिक सहायता एक ही किस्त में दी जाएगी। अधिकारियों के अनुसार इस निर्णय से हजारों परिवारों को राहत मिलेगी जो बीते महीनों में लगातार भूस्खलन, भवन ढहने और बरसात के कारण बेघर हुए हैं।

इंडस्ट्री मंत्री हर्षवर्धन चौहान ने कैबिनेट फैसलों की जानकारी देते हुए कहा कि मानसून आपदा के बाद प्रदेश सरकार ने केंद्र से 1500 करोड़ की विशेष राहत राशि की मांग की थी। प्रधानमंत्री मोदी ने इस पैकेज का ऐलान भी सार्वजनिक मंच से किया था, लेकिन कैबिनेट के अनुसार अब तक केंद्र सरकार से कोई आर्थिक सहायता उपलब्ध नहीं हो पाई है। उन्होंने स्पष्ट किया कि राज्य सरकार अपने संसाधनों से जनता की मदद जारी रखे हुए है और यह सिलसिला आगे भी चलता रहेगा।

उन्होंने कहा कि राहत राशि जारी करने की प्रक्रिया तेज की जाएगी ताकि पीड़ितों को कड़ाके की सर्दी शुरू होने से पहले पुनर्वास में सुविधा मिल सके। सरकार का प्रयास है कि प्रभावित परिवार अस्थायी आश्रयों से स्थायी आवास की ओर जल्द लौटें।

स्वास्थ्य क्षेत्र को मजबूत करने के उद्देश्य से 400 स्टाफ नर्स को नियुक्त करने की मंजूरी दी गई है। इन नए पदों के भरने से अस्पतालों में स्टाफ की कमी दूर होगी और बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध होंगी। उनकी वेतन राशि 25,000 रुपए प्रतिमाह तय की गई है और भर्ती प्रक्रिया मंडी चयन आयोग के माध्यम से की जाएगी।

पर्यटन निवेश बढ़ाने को लेकर राज्य सरकार ने टूरिज्म इन्वेस्टमेंट प्रमोशन काउंसिल गठित करने का निर्णय लिया है। इस काउंसिल के अध्यक्ष मुख्यमंत्री होंगे और यह परिषद टूरिज्म एंड सिविल एविएशन विभाग के अधीन काम करेगी। प्रदेश में करोड़ों की निवेश संभावनाओं को देखते हुए 50 करोड़ से अधिक लागत वाले प्रोजेक्ट्स को तेजी से मंजूरी दी जाएगी और 14 दिन के भीतर NOC जारी करना अनिवार्य होगा। यह प्रदेश में रोजगार, पर्यटन कारोबार और बुनियादी ढांचे को बढ़ाने में महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।

इलेक्ट्रिक मोबिलिटी को आगे बढ़ाने की दिशा में कैबिनेट ने एक और अहम फैसला लिया है। राज्य में 1000 मौजूदा डीजल और पेट्रोल टैक्सियों को 40 प्रतिशत सब्सिडी के साथ इलेक्ट्रिक टैक्सी में परिवर्तित करने की अनुमति दी गई है। इससे प्रदूषण कम होगा और यात्रियों को शांत व पर्यावरण हितैषी यात्रा की सुविधा मिलेगी।

कैबिनेट ने विशेष पुलिस अधिकारियों के मानदेय में 300 रुपए प्रतिमाह की वृद्धि को मंजूरी देते हुए 510 SPOs को लाभ पहुंचाया है।

इसी तरह, एसएमसी शिक्षक, आईटी शिक्षक, एमडीएम वर्कर्स और जलवाहकों के मानदेय में 500 रुपए प्रतिमाह की वृद्धि का निर्णय लिया गया है, जिससे 50 हजार से अधिक कर्मचारी लाभान्वित होंगे। यह बढ़ोतरी 1 अप्रैल 2025 से लागू होगी।

ग्रामीण क्षेत्रों में नक्शा पास करवाने में आने वाली दिक्कतों को देखते हुए कैबिनेट ने राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी की अध्यक्षता में एक मंत्रिमंडलीय उप समिति गठित की है। इसमें चार मंत्री शामिल होंगे। समिति का लक्ष्य ग्रामीण परिवारों को अपने घर निर्माण में अनावश्यक कानूनी बाधाओं से राहत देना है।

इसके अतिरिक्त, खेल क्षेत्र में भी बड़ा फैसला लेते हुए 19 नए खेलों को स्पोर्ट्स कोटा सूची में शामिल किया गया है, जिससे इन खेलों के खिलाड़ी अब सरकारी नौकरियों के लिए पात्र हो सकेंगे।

अंत में, 300 पद JOA (IT) को जॉब ट्रेनिंग के रूप में भरने और नाहन मेडिकल कॉलेज के विस्तार को भी मंजूरी दी गई है। कैबिनेट के अनुसार यह फैसले हिमाचल के समग्र विकास और जनकल्याण की दिशा में महत्वपूर्ण पड़ाव साबित होंगे।