हिमाचल प्रदेश सेंट्रल यूनिवर्सिटी के अधिकारी और स्टाफ वेतन भत्ते के खूब मज़े ले रहे हैं। लेकिन, बात छात्रों और उनकी स्टडी की हो तो ये सुविधाएं फिकी पड़ती नज़र आने लगती हैं। यहां तक यूनिवर्सिटी के चांसलर भी कई मुद्दों की हंसी में टाल देते हैं और राजनीति में फंसी इस यूनिवर्सिटी के पैसे को घाटा नहीं, फायदे मंद करार दिया जाता है।
जी हां, सेंट्रल यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर कुलदीप अग्निहोत्री ने साफ कहा कि सीयू को कोई घाटा नहीं हो रहा है। समाचार फर्स्ट के सवाल के जवाब में अग्निहोत्री ने मज़ाकिया अंदाज में कहा कि शिक्षा और स्थास्थ्य में जो पैसा ख़र्च होता है उसे घाटा नहीं कहते है। जो ख़र्चा होस्टल चलाने और यातायात में हो रहा है वे घाटा नहीं, बल्कि सही ख़र्च है।
ग़ौरतलब है कि यूनिवर्सिटी के पास ने तो अपना होस्टल है और न ही को परिवहन सेवा। यहां जो छात्र पढ़ने आते हैं या तो किराये पर रहे हैं या फिर यूनिवर्सिटी द्वारा किराए पर लिए होस्टलों में, लेकिन बावजूद चांसलर का कहना है कि प्रशासन को इसका कोई घाटा नहीं हो रहा। यदि यूनिवर्सिटी के अपना हॉस्टल होता तो न तो छात्रों पर अधिक बोझ पड़ता और न ही प्रशासन को लाखों के किराये का बिल देना पड़ता।