<p>शिमला में डेंटल कॉलेज के बीड्स डॉक्टर ने विश्वविद्यालय और आईजीएमसी कॉलेज प्रशासन पर आरोप लगाए हैं। डेंटल डॉक्टरों ने कहा कि विश्वविद्यालय ने उनसे जनवरी 2017 में 1200 और 3600 रुपये अवैध लेट फ़ीस के रूप में लिए हैं। उन्होंने 24 जनवरी की तय तिथि के अनुसार ही फॉर्म भरा था, लेकिन 12 फरवरी को उनको 1200 और 3600 देने के नोटिस जारी किए।</p>
<p>अनिल अजटा डेंटल डॉक्टर ने कहा कि जब प्रिंसिपल से इस अवैध वसूली को लेकर बात की तो उन्होंने कहा कि अभी पैसे दे दो बाद में वापस कर दिए जाएंगे। लेकिन, आजतक ये पैसे वापिस नहीं दिए गए। हिमाचल विश्वविद्यालय और कॉलेज की गलतियों का खामियाजा छात्र क्यों भुगते। छात्रों का आरोप है कि उनसे जबरन डरा धमका के पैसे वसूल किए गए। उन पैसों को एक सप्ताह के भीतर वापस करें, अन्यथा आंदोलन होगा।</p>
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